आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग : चेन्नै सुपरकिंग्स को बिना किसी जांच के हटा देना चाहिए

Last Updated 27 Nov 2014 12:08:18 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल की चेन्नै सुपरकिंग्स के खिलाफ कहा कि बिना किसी और जांच के इस टीम को हटा देना चाहिए.


'चेन्नै को बाहर क्यों नहीं किया गया' (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को आईपीएल छह में फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले पर सुनवाई करते हुये कहा कि क्यों न चेन्नै सुपरकिंग्स टीम की मान्यता को रद्द कर दिया जाए क्योंकि इसके एक अधिकारी गुरूनाथ मयप्पन को सट्टेबाजी में लिप्त पाया गया है.

आईपीएल छह में फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले पर मुद्गल जांच समिति की रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुये कहा कि आगे की जांच के बिना ही क्यों न चेन्नै सुपरकिग्स फ्रंचाइजी की आईपीएल से मान्यता को रद्द कर दिया जाये क्योंकि इसके अधिकारी मयप्पन को जांच समिति ने सट्टेबाजी में लिप्त पाया है.

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सख्ती से कहा, अब हमारे सामने सारे तथ्य मौजूद हैं और अब कार्रवाई का समय है.

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहते हुए यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि आईपीएल की फ्रेंचाइज़ी चेन्नै सुपरकिंग्स को आगे किसी भी जांच के बगैर डिसक्वालिफाई कर दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने साथ ही कहा कि वह मुद्गल जांच समिति की रिपोर्ट को लेकर सख्त है.

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से अस्थायी तौर पर निलंबित किये गये अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद की भूमिका को लेकर भी कई सवाल उठाये. कहा कि मयप्पन टीम के मालिक नहीं हैं लेकिन उसके बावजूद उनकी टीम पर पूरी पकड़ थी.

श्रीनिवासन खुद भी इस पूरे मामले में हितों के टकराव के सवालों का सामना कर रहे है.

पिछली सुनवाई में अदालत ने श्रीनिवासन को आड़े हाथों लेते हुये उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाये थे और कहा था कि बीसीसीआई अध्यक्ष होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वह आईपीएल में पारदर्शिता बरतें और इस टूर्नामेंट को साफ सुथरे तरीके से संपन्न कराये. लेकिन टीम के मालिक होने के नाते आप जीतना चाहते है. ऐसे में हितों के टकराव का सवाल तो पैदा होता है और आप इससे बच नहीं सकते है.

श्रीनिवासन नहीं लड़ पाएंगे BCCI अध्यक्ष का चुनाव 

सुप्रीम कोर्ट ने टीम की मालिक इंडिया सीमेंट्स के बारे में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है.

बीसीसीआई का चुनाव तुरंत कराने का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि जिनके भी नाम गड़बड़ियों में पाए गए हैं, वे चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद यह तय हो गया है कि एन श्रीनिवासन बीसीसीआई अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

गौरतलब है कि एन श्रीनिवासन सीएसके का मालिकाना हक रखने वाली इंडिया सीमेंट्स कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर है.

जस्टिस मुद्गल कमेटी ने कहा है कि श्रीनिवासन के दामाद और सीएसके के अधिकारी रह चुके गुरुनाथ मयप्पन सट्टेबाजी में शामिल थे. श्रीनिवासन खुद हितों के टकराव के मामले में आरोपी हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया सीमेंट्स में श्रीनिवासन के परिवार के सदस्यों की हिस्सेदारी का ब्यौरा भी मांगा है.

साथ ने कोर्ट ने पूछा है कि यह फैसला किसने लिया था कि चैन्नै सुपरकिंग्स में 400 करोड़ का निवेश किया जाए.



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