फिक्सिग जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

Last Updated 25 Nov 2014 08:27:56 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई गुरूवार तक के लिये टाल दी है.


क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा (फाइल फोटो)

मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने इसकी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर इससे जुड़े पक्षों की मुश्किलें बढ़ा दी.

क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने मामले की सुनवाई के दौरान अदालत से गुहार लगाई कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को बोर्ड प्रमुख के रूप में एक बार फिर चुनाव लड़ने की अनुमति न दी जाये. उन्होंने साथ ही कहा कि बोर्ड के कामकाज से अलग चल रहे श्रीनिवासन की आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स को भी रद्द कर दिया जाये.

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि सीएसके के टीम अधिकारी और श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मैयप्पन आईपीएल में सट्टेबाजी के आरोपों का सामना कर रहे हैं इसलिये चेन्नई फ्रैचाइजी को रद्द कर देना चाहिये. उन्होंने अदालत से साथ ही इस पूरी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी अपील की.

आईपीएल छह में फिक्सिंग और सट्टेबाजी पर सेवानिवृत न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति ने अदालत में जांच रिपोर्ट सौंपी है. अदालत ने अभी तक 35 पन्नों की रिपोर्ट के कुछ हिस्से ही सार्वजनिक किये है.

सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने श्रीनिवासन पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था और उनसे इस पूरे मामले में स्पष्टीकरण देने के लिये कहा था.

मामले की सुनवाई कर रही दो जजों की खंडपीठ ने कहा था, "आप बीसीसीआई प्रमुख है और आईपीएल में आपकी टीम भी है. ऐसे में हितों के टकराव का सवाल तो पैदा होता है. इसलिये आपकी जवाबदेही बनती है क्योंकि इससे बीसीसीआई का प्रमुख पद प्रभावित होता है."

 



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