मौजूदा चैंपियन मुंबई बाहर, नार्दर्न डिस्ट्रिक्ट और लायन्स मुख्य ड्रा में

Last Updated 16 Sep 2014 11:26:21 PM IST

मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियन्स बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण मंगलवार को नार्दर्न डिस्ट्रिक्ट के हाथों छह विकेट की शर्मनाक हार के साथ चैंपियन्स लीग टी20 टूर्नामेंट के क्वालीफाईंग दौर से ही बाहर हो गया.


न्यूजीलैंड की टीम नार्दर्न डिस्ट्रिक्ट के जीत के हीरो बने स्काट स्टायरिस.

न्यूजीलैंड की टीम नार्दर्न डिस्ट्रिक्ट ने लगातार तीसरी जीत दर्ज करके शान के साथ मुख्य ड्रा में जगह बनायी. यह चैंपियन्स लीग में पहला अवसर है जबकि मौजूदा चैंपियन टीम क्वालीफाईंग दौर में ही बाहर हो गयी. पाकिस्तान की लाहौर लायन्स भी आगे बढ़ने में सफल रही जिसने दिन के पहले मैच में श्रीलंका की सदर्न एक्सप्रेस को 55 रन से हराया था. वह इस टूर्नामेंट के मुख्य दौर में जगह बनाने वाली पहली पाकिस्तानी टीम भी बन गयी.

मुंबई को मुख्य ड्रा में जगह बनाने के लिये इस मैच में केवल जीत चाहिए थी लेकिन उसके बल्लेबाजों ने शर्मनाक प्रदर्शन किया. कप्तान कीरोन पोलार्ड ने सर्वाधिक 31 रन बनाये, लेकिन यदि वह नौ विकेट पर 132 रन तक पहुंच पाया तो इसका श्रेय पुछल्ले बल्लेबाजों श्रेयास गोपाल (12 गेंद पर 24) और लेसिथ मालिंगा (आठ गेंद पर 20) को जाता है जिन्होंने आखिरी तीन ओवरों में 43 रन बटोरे.

\"\"नार्दर्न डिस्ट्रिक्ट ने सहजता से लक्ष्य हासिल किया. मुंबई को उम्मीद थी कि उसके धीमी गति के गेंदबाज कमाल दिखाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केन विलियमसन (36 गेंद पर 53) और एंटन डेवसिच (39) ने पहले विकेट के लिये 83 रन जोड़कर मजबूत नींव रखी जिससे नार्दर्न डिस्ट्रिक्ट ने 17.2 ओवर में चार विकेट पर 133 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की.

न्यूजीलैंड की टीम की इस जीत के नायक उसके गेंदबाज विशेषकर स्काट स्टायरिस (21 रन देकर तीन विकेट) और टिम साउथी (24 रन देकर तीन विकेट) रहे जिन्होंने महत्वपूर्ण मौकों पर विकेट निकालकर मुंबई की उम्मीदों पर पानी फेरा.

इसके बाद कीवी टीम की सलामी जोड़ी ने मुंबई की आस तोड़ी. डेवसिच ने अच्छी गेंदों को सम्मान दिया और ढीली गेंदों को कड़ा सबक सिखाया. जसप्रीत बमराह पर हुक से लगाया गया उनका छक्का दर्शनीय था. हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा भी अंकुश लगाने में नाकाम रहे क्योंकि ओस के कारण उन्हें भी गेंद पर नियंत्रण रखने में दिक्कत हो रही थी.

विलियमसन ने पहले जलज सक्सेना का दो चौकों से स्वागत किया और बाद में ओझा की लगातार गेंदों पर को सीमा रेखा पार भेजकर साबित कर दिया कि स्पिनरों का जादू उन पर नहीं चलने वाला है. हरभजन ने आखिर में मुंबई को पहली सफलता दिलायी. पोलार्ड ने तब दायीं तरफ दौड़ लगाकर डेवसिच का कैच लपका. डेवसिच ने 34 गेंद की पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया.

विलियमसन ने हरभजन के अगले ओवर में लांग आफ पर छक्का और फिर चौका जड़कर अपना पचासा पूरा किया और 12वें ओवर में टीम का स्कोर भी 100 रन पर पहुंचाया. बमराह (26 रन देकर दो विकेट) ने अगले ओवर में उन्हें आउट किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. विलियमसन की पारी में सात चौके और एक छक्का शामिल है.

इसके बाद मुंबई ने बीजे वाटलिंग (00) और डेनियल फ्लिन (13) के विकेट भी लिये लेकिन इससे वह हार का अंतर ही कम कर पाये. मुंबई के गेंदबाजों में मालिंगा ने सबसे अधिक निराश किया. उन्होंने चार ओवर में 31 रन दिये. डेरेल मिशेल (नाबाद 16) ने उनकी शार्ट पिच पर डीप स्क्वायर पर छक्का लगाया.

असल में मुंबई के लिये शुरू से कुछ भी सकारात्मक नहीं रहा. पहले पोलार्ड टास हार गये और इसके बाद जब टीम बल्लेबाजी के लिये उतरी तो उसका शीर्ष क्रम स्टायरिस की धीमी मध्यम गति की गेंदबाजी के सामने लड़खड़ा गया.

\"\"पहले चार ओवर में केवल 11 रन बने और इस बीच अनुभवी माइकल हसी (7) पवेलियन लौटे जिन्होंने बड़ा शाट खेलने के प्रयास में मिड आन पर कैच दिया. नये बल्लेबाज जलज सक्सेना ने जीवनदान का फायदा उठाकर स्काट कगलीन के ओवर में लांग आफ पर छक्का जड़ा, लेकिन स्टायरिस के अगले ओवर में विलियमसन ने नीचे रहता हुआ कैच लेकर उनकी संक्षिप्त पारी का अंत कर दिया.

लेंडल सिमन्स (13) शुरू से रन बनाने के लिये जूझते रहे. स्टायरिस ने उनके स्टंप झकझोरने के बाद आदित्य तारे (7) को भी अपने जाल में फंसाया. मुंबई ने पहले दस ओवर में चार विकेट पर 45 रन बनाये थे. अपना दूसरा स्पैल करने के लिये आये बोल्ट ने अगले ओवर में अंबाती रायुडु (6) को आउट करके स्कोर पांच विकेट पर 46 रन कर दिया. आलम यह था कि मुंबई 12वें ओवर में 50 रन पर पहुंचा. पोलार्ड क्रीज पर थे लेकिन रन गति कछुआ चाल से आगे बढ़ रही थी.

हरभजन (10) ने ईश सोढ़ी पर छक्का जड़ा लेकिन अगले ओवर में एंटन डेवसिच ने सीमा रेखा पर उनका कैच लपक दिया. पोलार्ड ने भी सीमा रेखा के करीब कैच थमाया जिससे मुंबई की आखिरी तीन ओवरों में अधिक से अधिक रन बटोरने की उम्मीदों को करारा झटका लगा. मालिंगा और गोपाल ने हालांकि उन्हें निराश नहीं किया. मालिंगा ने बोल्ट पर दो चौके जड़कर 18वें ओवर में स्कोर 100 रन पर पहुंचाया और फिर कगलीन की लगातार गेंदों पर चौका और छक्का जमाया. साउथी ने अगले ओवर की पहली गेंद पर उनके स्टंप उखाड़े लेकिन गोपाल ने इस ओवर में लगातार तीन गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया.



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