एंडरसन से विवाद मामले में जडेजा पर लगे जुर्माने पर पहली बार इतना नाराज हुए कैप्टन कूल धोनी

Last Updated 27 Jul 2014 08:27:23 AM IST

टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपनी टीम के आलराउंडर रविंद्र जडेजा पर लगे जुर्माने से नाराज हैं. जडेजा पर एंडरसन मामले में जुर्माना लगाया गया है.


टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी

भारत और इंग्लैंड के बीच हुए पहले टेस्ट मैच के आखिरी दिन ट्रेंटव्रिज पर जडेजा और जेम्स एंडरसन के बीच हुए विवाद की वजह से जडेजा पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है.

जडेजा पर आईसीसी द्वारा लिए गए इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए धोनी ने कहा कि इस मामले में कई चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया और यदि उनके खिलाड़ियों से दुर्व्यवहार होता है तो वे उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते.

धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच से पहले इसे आहत करने वाला फैसला बताया है

धोनी ने कहा कि इस फैसले ने व्यक्गित तौर पर मुझे काफी आहत किया है. उन लोगों ने तमाम बातों पर गौर ही नहीं किया.

धोनी ने उस वाकये को बताते हुए कहा कि घटना वाले दिन आखिर क्या हुआ था. उस दिन अंपायर ने लंच टाइम का इशारा किया और हम सब पैवेलियन की ओर लौटने लगे.

धोनी ने कहा कि मैं किसी खास खिलाड़ी का नाम नहीं लेना चाहता हूं, लेकिन उस खिलाड़ी ने जडेजा को गाली दी, अपशब्द कहे. मुझे बीचबचाव करने उतरना पड़ा. और जब तक हम बाउंड्री वॉल तक पहुंचे मुझे लगा ये मसला सुलझ गया है.\"\"

जब आगे बढ़े, मैं आगे था और जडेजा मुझसे कुछ दूरी पर था उसी वक्त फिर कुछ हुआ, जडेजा को फिर कुछ बोला गया. जडेजा उस खिलाड़ी की ओर पलटा और उसी के बाद जडेजा को धक्का दिया गया. जडेजा गिरते-गिरते बचा और उसने समझने की कोशिश की कि आखिर ये हो क्या रहा है. सिर्फ इतना करने पर जडेजा पर जुर्माना लगा दिया गया.

तर्क ये दिया गया कि ये घटना खेल भावना के खिलाफ थी. सवाल ये है कि क्या जो कुछ हुआ हम उसकी अनदेखी कर सकते हैं. अगर आपकी पीठ पीछे कोई आपको कुछ कहता है और आप सिर्फ पलटकर उसे देखते हैं तो ये किसी तरह से आपका आक्रामक बर्ताव नहीं माना जा सकता. जबकि जडेजा लंच के ऐलान के वक्त से ही अपना बैट अपनी बांह में दबाए हुए थे, इतना ही नहीं उन्होंने एक शब्द तक नहीं बोला. साफ है उनके खिलाफ फैसला लेते वक्त तमाम बातों की अनदेखी की गई. इस मामले में एंडरसन पर लगे लेवल दो के आरोपों पर सुनवाई एक अगस्त को होगी.

बीसीसीआई और आईसीसी के बीच टकराव

भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना किये जाने को लेकर बीसीसीआई और आईसीसी के बीच टकराव की स्थिति\"\" बन गई है.

बीसीसीआई ने आईसीसी के मैच रेफरी डेविड बून के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया है.

मैच रेफरी डेविड बून ने एंडरसन के साथ मैदानी घटना के लिये जडेजा पर 50 प्रतिशत का जुर्माना लगाया है लेकिन इस खिलाड़ी को लेवल दो अपराध का दोषी नहीं पाया गया है. इंग्लैंड टीम प्रबंधन ने उन पर यह आरोप लगाया था.

आईसीसी की घोषणा के कुछ देर बाद ही नाखुश बीसीसीआई ने साफ किया कि वह फैसले से खुश नहीं है और कहा कि उसने इसके खिलाफ अपील करने का फैसला सुरक्षित रखा है. बीसीसीआई ने कहा कि वह पूरी तरह से जडेजा के साथ है जिस पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है. मैच रैफरी डेविड बून ने उसे खेल भावना के विपरीत आचरण का दोषी पाया.

बोर्ड ने बयान में कहा, \'\'बीसीसीआई ने मैच रैफरी के फैसले पर गौर किया है जिसमें जडेजा को भारत और इंग्लैंड के बीच नाटिंघम में पहले टेस्ट के दौरान हुई घटना में आचार संहिता के उल्लंघन के लेवल एक के अपराध का दोषी पाया गया है.\'\'

इसमें आगे कहा गया, \'\'बीसीसीआई साफ तौर पर कहना चाहता है कि वह फैसले से खुश नहीं है. उसे इसके खिलाफ अपील का अधिकार है. बोर्ड का मानना है कि जडेजा की गलती नहीं थी और हम पूरी तरह से उसके साथ है.\'\'
 



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