बिन्नी और भुवी की शानदार पारियों से भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच ड्रा

Last Updated 14 Jul 2014 02:19:20 AM IST

भारत और इंग्लैंड के बीच नाटिंघम में खेला गया पहला टेस्ट मैच बिना हार-जीत के ड्रा रहा. स्टुअर्ट बिन्नी और भुवनेश्वर कुमार की जुझारू पारियां आकर्षण का केंद्र रहीं.


अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे स्टुअर्ट बिन्नी शॉट लगाते हुए.

अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे स्टुअर्ट बिन्नी के जुझारू अर्धशतक और भुवनेश्वर कुमार की लगातार दूसरी पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी से भारत ने कुछ विषम पलों से गुजरने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट क्रिकेट मैच रविवार को ड्रा करवाया.

भारत का स्कोर सुबह एक समय छह विकेट पर 184 रन था और उसे केवल 145 रन की बढ़त मिली थी. बिन्नी (78) ने यहीं से जिम्मेदारी संभाली तथा बेहद सतर्कता के साथ खेल रहे रविंद्र जडेजा (31) के साथ सातवें विकेट के लिये 65 और भुवनेश्वर कुमार (नाबाद 63) के साथ आठवें विकेट के लिये 91 रन जोड़कर भारत को संकट से बाहर निकाला. भारत ने नौ विकेट पर 391 रन पर अपनी दूसरी पारी समाप्त घोषित की जिसके बाद 15 ओवर पहले ही मैच ड्रा समाप्त घोषित कर दिया.

इंग्लैंड के गेंदबाजों को भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों के सामने फिर से जूझना पड़ा. स्पिनर मोइन अली उसके सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने 105 रन देकर तीन विकेट लिये. स्टुअर्ट ब्राड और लियाम प्लंकेट ने दो-दो विकेट हासिल किये. कप्तान एलिस्टेयर कुक ने भी गेंद थामी और अपने 105वें टेस्ट मैच में पहला विकेट हासिल करने में सफल रहे. इन दोनों टीमों के बीच अगला टेस्ट मैच 17 जुलाई से लार्डस में खेला जाएगा.

भारत के लिये आखिरी दिन के नायक बिन्नी रहे लेकिन रिकार्ड बुक में नाम भुवनेश्वर ने लिखवाया. उन्होंने पहली पारी में 58 रन बनाये थे. वह नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए मैच में दो अर्धशतक जड़ने वाले दुनिया के दूसरे बल्लेबाज बन गये हैं. उनसे पहले आस्ट्रेलिया के पीटर सिडल ने 2013 में दिल्ली में भारत के खिलाफ ऐसा कारनामा किया था. नंबर नौ पर बल्लेबाजी करते हुए एक मैच में सर्वाधिक रन बनाने का रिकार्ड अब भुवनेश्वर (121) के नाम पर है.

भुवनेश्वर ने इस मैच में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए 82 रन देकर पांच विकेट भी लिये थे. वह वीनू मांकड़, पाली उमरीगर और रूसी सूरती के बाद चौथे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक मैच में 50 रन से अधिक की दो पारियां खेलने के साथ ही पांच विकेट भी लिये.

बिन्नी और भुवनेश्वर की अर्धशतकीय पारियों से पहले भारत ट्रेंटब्रिज की बेजान पिच पर एक समय संकट में दिख रहा था. भारत ने सुबह तीन विकेट पर 167 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन ब्राड ने कल के अविजित बल्लेबाज विराट कोहली (8) और अजिंक्य रहाणे (24) को अपने लगातार ओवरों में आउट करके भारतीय खेमे की चिंता बढ़ा दी.

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (11) का विकेट प्लंकेट ने उखाड़ दिये लेकिन जडेजा ने बहुत संयम से बल्लेबाजी की. उन्होंने 38वीं गेंद पर अपना खाता खोला. कल रात और सुबह की बारिश के कारण खेल 15 मिनट की देरी से शुरू हुआ. ब्राड ने दूसरे ओवर में ही कोहली को पगबाधा आउट करके इंग्लैंड की जीत की उम्मीद जगा दी. उन्होंने अगले ओवर में रहाणे को विकेट के पीछे कैच कराया. अब धोनी पर जिम्मेदारी थी लेकिन वह भी अधिक देर तक नहीं टिक पाये. इस बीच कुक ने उन्हें जीवनदान भी दिया.

धोनी के आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे बिन्नी ने अपने संयम और जज्बे का अच्छा प्रदर्शन किया और जडेजा के साथ मिलकर बखूबी मोर्चा संभाला. इन दोनों ने जेम्स एंडरसन और ब्राड के अच्छे स्पैल को बेहतरीन तरीके से खेला. बिन्नी ने प्लंकेट पर कवर ड्राइव से शुरूआत की और फिर बेहद नियंत्रित पुल शाट और बैकफुट कवर ड्राइव से अपना कौशल दिखाया.

जडेजा के एंडरसन की गेंद पर मैट प्रायर को कैच देने के बाद भी बिन्नी ने अपना सकारात्मक रवैया नहीं छोड़ा. उन्होंने दो चौके जड़ने के बाद दो बार एक-एक रन लेकर 86 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया. इसके बाद उन्होंने तीखे तेवर अपनाये और मोइन को विशेष रूप से निशाना बनाया. उन्होंने इस स्पिनर पर छक्का भी जड़ा. लेकिन मोइन राउंड द विकेट गेंदबाजी के लिये आये और उन्होंने बिन्नी के खिलाफ पगबाधा की जोरदार अपील की जिस पर कुमार धर्मसेना की उंगली उठ गयी. टीवी रीप्ले से हालांकि लग रहा था कि गेंद लेग स्टंप छोड़कर बाहर जा रही थी. बिन्नी ने अपनी 114 गेंद की पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया. जब वह पवेलियन लौट रहे थे तब भारत की बढ़त 301 रन हो गयी थी और उसने मैच बचा लिया था.

धोनी ने पारी समाप्ति की घोषणा नहीं की और भुवनेश्वर ने इसका फायदा उठाकर चाय के विश्राम के बाद रूट पर लगातार दो चौके जड़े और फिर एक रन लेकर मैच में अपना दूसरा अर्धशतक पूरा किया. इसके बाद मैच में केवल औपचारिकता बची थी और ऐसे में कुक ने स्वयं गेंद थाम दी और आखिर में पहला विकेट लेने में भी सफल रहे. इशांत शर्मा (13) ने उनकी गेंद फ्लिक करने के प्रयास में प्रायर को कैच दिया.

जब आखिरी जोड़ी क्रीज पर थी तब धोनी ने पारी समाप्ति की घोषणा की और उसी समय मैच समाप्त घोषित कर दिया गया. भारत ने अपनी पहली पारी में 457 रन बनाये जिसके जवाब में इंग्लैंड ने जो रूट (154) और मैन आफ द मैच एंडरसन (81) के बीच दसवें विकेट के लिये 198 रन की रिकार्ड साझेदारी की बदौलत 496 रन बनाकर 39 रन की बढ़त हासिल की थी.
 
यह केवल तीसरा अवसर है जबकि भारत ने उपमहाद्वीप से बाहर एक मैच की दोनों पारियों में 350 से अधिक का स्कोर बनाया. इससे पहले उसने 2002 में टेंटब्रिज और 2009 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में यह कारनामा किया था.
 



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