फुटबाल के ताकतवर प्रशासकों में से एक थे दासमुंशी, पीएम, भारतीय फुटबाल जगत ने दी श्रद्धांजलि
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के लगभग 20 वर्षों तक अध्यक्ष रहे प्रिय रंजन दासमुंशी इस खेल के सबसे ताकतवर प्रशासकों में से एक थे. वर्ष 2008 से कोमा में पड़े दासमुंशी का सोमवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे.
प्रिय रंजन दासमुंशी (फाइल फोटो) |
दासमुंशी का भारतीय फुटबाल में अभूतपूर्व योगदान रहा था. उनके 1989 से 2008 तक के कार्यकाल के दौरान ही एआईएफएफ का मुख्यालय फुटबाल हाउस राजधानी दिल्ली के द्वारका में बना था.
दासमुंशी के निधन पर राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी, खेल जगत, एआईएफएफ, फुटबाल खिलाड़ियों और अन्य खेल हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है. दासमुंशी जब 2008 में कोमा में गये थे तब वह एआईएफएफ के अध्यक्ष थे जिसके बाद प्रफुल्ल पटेल ने भारतीय फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष का पद संभाला था.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी के निधन पर आज शोक प्रकट किया . कोविंद ने अपने ट्वीट में कहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता प्रियरंजन दासमुंशी के निधन की जानकारी मिलने से दुखी हूं .
Sad to hear about the demise of former Union Minister and veteran political leader Shri Priya Ranjan Dasmunsi. He contributed much to Bengal and to the administration of football in our country. My condolences to his family and associates #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 20, 2017
राष्ट्रपति ने कहा, उन्होंने बंगाल में और देश में फुटबाल के प्रशासन में काफी योगदान दिया . मेरी संवेदनाएं उनके परिवार एवं सहयोगियों के साथ हैं.
पीएम मोदी ने दासमुंसी के निधन पर शोक व्यक्त किया.
मोदी ने ट्वीट किया, प्रियरंजन दासमुंशी लोकप्रिय नेता थे और उनके पास समृद्ध राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभव था. उन्होंने भारत में फुटबॉल को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके निधन से दुखी हूं . मेरी संवेदनाएं दीपा दासमुंशीजी और उनके परिवार तथा समर्थकों के साथ हैं.
Shri Priya Ranjan Dasmunsi was a popular leader with rich political and administrative experience. He did notable work to popularise football in India. Saddened by his demise. My thoughts are with Deepa Dasmunsi ji and family as well as his supporters.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2017
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रिय रंजन दासमुंशी के निधन पर शोक जताते हुए इसे एक बड़ी क्षति बताया है.
मुख्यमंत्री बनर्जी ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया, प्रिय रंजन दासमुंशी के निधन से मैं बहुत दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, शुभचिंतकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ है. वह वर्ष 1972 से बंगाल में एक बहुत लोकप्रिय नेता रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, वह (दासमुंशी) लगभग नौ वर्षो से कोमा में थे. वर्ष 2008 में उन्हें आघात आया जिससे उनका राजनीतिक करियर लगभग खत्म हो गया था नहीं तो वह अपने राजनीतिक जीवन में और भी बहुत कुछ कर सकते थे. उनका निधन एक बड़ी क्षति है. ईर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.
I am deeply saddened by the death of Priya Ranjan Dasmunsi. It is a great loss. May his soul rest in peace pic.twitter.com/YLyeFaBYm9
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 20, 2017
दासमुंशी के निधन के कारण बनर्जी ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए आधे दिन के अवकाश की भी घोषणा की.
भारतीय फुटबाल जगत ने प्रिय रंजन दासमुंशी को दी श्रद्धांजलि
आईएफएफ के उपाध्यक्ष सुब्रत दत्ता ने कहा, भारतीय फुटबाल में उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता. उनके मार्गदर्शन में राष्ट्रीय फुटबाल लीग की शुरूआत हुई (2007 में इसका नामकरण आई-लीग किया गया) और उन्होंने जो नींव रखी आज भी उसी तर्ज पर काम हो रहा.
के. जियाउद्दीन के बाद अध्यक्ष बने दासमुंशी इस पद पर 19 वर्षो रहे. आघात लगने के बाद बाद प्रफुल्ल पटेल ने उनकी जगह ली.
दासमुंशी की एक और उपलब्धि यह थी कि फीफा ने उन्हें 2006 विश्व कप के दौरान ऑस्ट्रेलिया और क्रोएशिया के मैच का कमिश्नर बनाया था. वह एशिया फुटबाल कांफेडेशन के कार्यकारी समिति में भी शामिल रहे थे.
दत्त ने कहा, उन्होंने भारतीय फुटबाल में पेशेवर रवैये की शुरूआत की.
भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भुटिया ने भी एआईएफएफ के पूर्व प्रमुख को श्रद्धांजलि दी.
उन्होंने कहा, ये सुनकर काफी दुख हुआ. उनका एआईएफएफ में योगदान बहुत बड़ा हैं. उनके योगदान से भारतीय फुटबाल आगे बढ़ा. वह फुटबाल के लिये काफी जुनूनी थे. फुटबाल उनकी रगों में थे. जब मैं ईस्ट बंगाल के लिये खेल रहा था तब भी उन्होंने मेरी हर संभव मदद की. फुटबाल के प्रति उनके जुनून और लगाव को कोई भी देख सकता था.
भारतीय फुटबाल के एक और दिग्गज आईएम विजयन ने भी दासमुंशी को भारतीय फुटबाल में दिये योगदान के लिये याद किया. उन्होंने कहा, भारतीय फुटबाल के लिये यह बड़ा नुकसान है. उन्होंने कम समय में राष्ट्रीय फुटबाल लीग की शुरआत की. यह उनकी विरासत है. उन्होंने निजी चैनलों पर मैचों का प्रसारण शुरू कराया. यह दोनों उनका सबसे बड़ा योगदान है.
फुटबाल के ताकतवर प्रशासकों में से एक थे दासमुंशी
उनके कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय फुटबाल लीग की 1996 में शुरूआत हुई थी जिसमें देश के शीर्ष क्लबों ने हिस्सा लेना शुरू किया था. राष्ट्रीय फुटबाल लीग को अब आईलीग के नाम से जाना जाता है.
दासमुंशी पहले भारतीय थे जिन्हें 1999 में फीफा महिला विश्वकप में संचालन टीम का हिस्सा बनाया गया था. वह 2006 में भी पुरूष विश्वकप की संचालन टीम का हिस्सा बने थे. वह 1999 के महिला विश्वकप में और 2006 के पुरूष विश्वकप में मैच कमिश्नर बने थे.
उन्होंने एशियाई फुटबाल परिसंघ(एएफसी) की कानूनी समिति का नेतृत्व भी किया था. वह फीफा की स्थायी समिति के सदस्य भी थे. वर्ष 2004 में दासमुंशी एथेंस ओलंपिक में भारतीय दल के दल प्रमुख के रूप में गये थे.
दिल्ली सॉकर एसोसिएशन(डीएसए) के नवनियुक्त अध्यक्ष शाजी प्रभाकरन और कोषाध्यक्ष एनके भाटिया ने दासमुंशी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. एआईएफएफ और फीफा के पूर्व अधिकारी रह चुके प्रभाकरन ने शोक व्यक्त करते हुये कहा मैंने 2004 से 2008 तक उनके साथ काम किया था. भारतीय फुटबाल में उनका अभूतपूर्व योगदान रहा था. नेशनल लीग को शुरू करना उनकी देन थी. वह हमेशा खेल के साथ बड़ी शिद्दत के साथ जुड़े रहे थे.
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