यूएस ओपन 2017: सानिया की सेमीफाइनल हार से थमी भारतीय चुनौती

Last Updated 09 Sep 2017 02:50:56 PM IST

सानिया मिर्जा की हार के साथ ही भारत का साल के आखिरी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट यूएस ओपन में अभियान खत्म हो गया.


सेमीफाइनल में थमा सानिया का सफर (फाइल फोटो)

भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा इस सत्र में फिर से बड़े खिताब का सपना पूरा नहीं कर सकीं और वर्ष के आखिरी ग्रैंड स्लेम यूएस ओपन के महिला युगल सेमीफाइनल में उनकी शिकस्त के साथ टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती का भी पटाक्षेप हो गया.
       
सानिया और चीन की शुआई पेंग की चौथी वरीय जोड़ी ने संघषर्पूर्ण जीत के साथ महिला युगल सेमीफाइनल में प्रवेश किया था लेकिन दूसरी सीड स्विटजरलैंड की मार्टिना हिंगिस और यंग जान चान की जोड़ी के हाथों 4-6, 4-6 से लगातार सेटों में शिकस्त झेलकर उन्हें अंतिम चार से बाहर हो जाना पड़ा.
       
पुरानी जोड़ीदार हिंगिस के साथ 16 महीने तक ग्रैंड स्लेम सहित 14 खिताब जीत चुकीं सानिया ने अपनी चीनी जोड़ीदार शुआई के साथ मैच में शुरूआती बढ़त बनाई लेकिन वह स्विस-ताइपे जोड़ी के सामने उसका फायदा नहीं उठा सकीं और एक घंटे 26 मिनट में उनकी चुनौती समाप्त हो गयी. सानिया-शुआई हाथ आये 10 मौकों में से केवल दो बार ही विपक्षी जोड़ी की सर्विस ब्रेक कर सकीं.  
        
दूसरी ओर हिंगिस-चान ने सात में से चार बार भारतीय-चीनी जोड़ी की सर्विस ब्रेक की और फाइनल में प्रवेश किया. उन्होंने मैच में 44 विनर्स भी झोंगे जबकि सानिया-शुआई ने 22 विनर्स लगाये. फाइनल में अब हिंगिस-चान खिताब के लिये लूसी रादेका और कैटरीना सिनियाकोवा की सातवीं वरीय जोड़ी से भिडेंगी.


 
इससे पहले मैच में चौथी वरीय जोड़ी ने 3-0 की बढ़त से अच्छी शुरूआत की लेकिन अनुभवी हिंगिस-चान ने विपक्षियों की सर्विस ब्रेक करते हुये 3-3 पर बराबरी कर ली. दूसरे सेट में भी सानिया-शुआई ने 3-1 की बढ़त से शुरूआत की लेकिन फिर गलतियां कर बैठीं.
           
स्टार भारतीय खिलाड़ी सानिया ने इस वर्ष अपनी जोड़ीदारों को भी निरंतर बदला है. उन्होंने बारबोरा स्ट्राइकोवा ,यारोस्लावा ेडोवा, बेथानी माटेक सैंड्स और फिर शुआई के साथ जोड़ी बनाई. सानिया का इस वर्ष एकमा खिताब अमेरिकी खिलाड़ी बेथानी के साथ ब्रिसबेन में रहा है.
              
पूर्व नंबर वन भारतीय खिलाड़ी पिछले काफी समय से खराब दौर से गुार रही हैं जिससे वह रैंकिंग में फिसलकर नौवें नंबर पर आ गयी हैं. वह इस वर्ष आस्ट्रेलियन ओपन और विंबलडन के तीसरे दौर तक ही पहुंच पायी थीं जबकि फ्रेंच ओपन के पहले ही दौर में बाहर हो गयी थीं.
               
सानिया इस वर्ष एक भी मेजर खिताब नहीं जीत सकी हैं और वर्ष के आखिरी ग्रैंड स्लेम में उनकी सेमीफाइनल हार से अब यह उम्मीद समाप्त हो

गयी है. वहीं सानिया से पूर्व रोहन बोपन्ना, लिएंडर पेस और पूरव राजा के युगल में पहले ही बाहर हो जाने से अब टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गयी है.

 

वार्ता


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