कांग विश्व चैम्पियनशिप भालाफेंक फाइनल में, नीरज चोपड़ा बाहर
देविंदर सिंह कांग विश्व चैम्पियनिशप की भालाफेंक स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए जबकि स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा क्वालीफिकेशन दौर से ही बाहर हो गए.
कांग विश्व चैम्पियनशिप भालाफेंक फाइनल में (फाइल फोटो) |
गुमनाम से खिलाड़ी देविंदर सिंह कांग विश्व चैम्पियनिशप की भालाफेंक स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए जबकि स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा क्वालीफिकेशन दौर से ही बाहर हो गए.
विश्व चैम्पियनशिप में कांग की भागीदारी पहले खतरे में पड़ गई थी जब जून में उन्हें मरिजुआना के सेवन का दोषी पाया गया था लेकिन चूंकि यह पदार्थ वाडा की आचार संहिता के तहत स्वत: निलंबन के दायरे में नहीं आता लिहाजा उन्हें टीम में जगह दी गई.
कोई भी भारतीय इससे पहले किसी विश्व चैम्पियनशिप में पुरूषों की भालाफेंक स्पर्धा के फाइनल में नहीं पहुंचा था. कांग के प्रदर्शन से भारतीय खेमे ने राहत की सांस ली होगी क्योंकि अभी तक इस चैम्पियनशिप में निराशा ही हाथ लगी है.
इससे पहले ग्रुप ए क्वालीफिकेशन में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद नीरज प्रभावित करने में नाकाम रहे. अपने युवा कंधों पर देश की उम्मीदों का भार लिये उतरे नीरज ने सर्वश्रेष्ठ 82.26 मीटर का थो पहले प्रयास में फेंका. जूनियर विश्व रिकार्डधारी नीरज का दूसरा प्रयास फाउल रहा और तीसरे में वह 80.54 मीटर का थो ही लगा सके.
वहीं क्वालीफिकेशन दौर में ग्रुप बी में उतरे कांग ने तीसरे और आखिरी थो में 83 मीटर के क्वालीफिकेशन मार्क को छुआ. उन्होंने 84.22 मीटर का थो फेंका. पहले थो में उन्होंने 82.22 का फासला नापा था जबकि दूसरे में 82.14 मीटर ही फेंक सके. कंधे की चोट से जूझकर आये पंजाब के इस 26 वर्षीय एथलीट पर आखिरी प्रयास में 83 मीटर का फासला नापने का दबाव था. उन्होंने भारतीय प्रशंसकों को निराश नहीं किया.
ग्रुप ए से पांच और ग्रुप बी से सात खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया और सभी कल फाइनल खेलेंगे. कांग आखिरी क्वालीफाइंग राउंड के बाद सातवें स्थान पर रहे. उनका यह प्रदर्शन इसलिये भी सराहनीय हैक्योंकि मई में दिल्ली में इंडियन ग्रां प्री में उन्हें कंधे में चोट लगी थी. कल उन्होंने कंधे पर पट्टी बांधकर खेला.
कांग ने प्रतिस्पर्धा के बाद कहा, जब मुझे पता चला कि नीरज ने क्वालीफाई नहीं किया तो मैं फाइनल राउंड के लिये क्वालीफाई करना चाहता था. मैं देश के लिये कुछ करना चाहता था. ऐसा कुछ जो कभी किसी भारतीय ने नहीं किया हो. भगवान की कृपा से मैं ऐसा करने में कामयाब रहा.
उन्होंने कहा, मुझे मई में इंडियन ग्रां प्री के दौरान चोट लगी थी लेकिन यह कोई बड़ी समस्या नहीं थी. टीम के मालिश वाले आजकल यह पट्ठी बांधते हैं.मैं एकदम ठीक हूं लेकिन मुझे अपने दोस्त श्रीलंका के वारूना रंकोथ पेडिगे से मेरे तीसरे और आखिरी थो से पहले कुछ स्ट्रेचिंग का अनुरोध करना पड़ा.
उन्होंने कहा, कल के आराम के बाद चोट ठीक हो जायेगी. मैं 12 अगस्त को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके पदक जीतने की कोशिश करूंगा.
नीरज ने कहा, मैने अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन निराशा हाथ लगी. मैने पहले थो में काफी मेहनत की लेकिन कुछ सेंटीमीटर से चूक गया. दूसरे थ्रो में दिक्कत थी और तीसरा दूर रह गया. यदि कोच साथ आते तो अच्छा रहता लेकिन यह मेरे हाथ में नहीं था. मुझे पता ही नहीं चला कि आज क्या हो गया.
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