नाडा ने सुनवाई स्थगित की, नरसिंह के भाग्य का फैसला गुरुवार को
नरसिंह यादव ओलंपिक में भाग ले पाएंगे या नहीं इसका फैसला गुरुवार को किया जाएगा क्योंकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अनुशासन पैनल ने इस पहलवान से जुड़े डोप विवाद पर सुनवाई बुधवार को स्थगित कर दी.
नरसिंह यादव दिल्ली में नाडा के आफिस से बाहर आते हुए. |
इस बीच नरसिंह दूसरे डोप परीक्षण में भी नाकाम रहे और उन्होंने दो साथी पहलवानों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है. साढ़े तीन घंटे तक चली सुनवाई के दौरान नरसिंह और उनके कई वकीलों ने नाडा समिति के सामने अपना पक्ष रखा जो गुरुवार को अपना फैसला सुनाएगी.
नरसिंह के वकील विदुषपत सिंहानिया ने कहा, 'हमने नरसिंह का पक्ष रख दिया है. हमें नाडा पैनल पर पूरा विश्वास है. हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि उसे निदरेष साबित कर दिया जाएगा. नाडा पैनल का रवैया मददगार रहा. हमने आज अपना पक्ष रखा और पैनल ने धैर्य से हमारी बात सुनी. सुनवाई बहुत अच्छी रही. नाडा कल अपना पक्ष रखेगा.'' नाडा मुख्यालय में नरसिंह के साथ न सिर्फ उनके वकील बल्कि समर्थक भी पहुंचे जो उन्हें न्याय दिलाने की मांग कर रहे थे.
इस पहलवान ने आरोप लगाया है कि उनके विरोधियों ने उन्हें डोपिंग में फंसाया है जिन्होंने उन्हें रियो जाने से रोकने के लिये उनके भोजन और पूरक आहार में कुछ प्रतिबंधित पदार्थ मिलाया. रिपोर्टों के अनुसार उनका पूरक आहार हालांकि साफ पाया गया.
नरसिंह ने सोनीपत थाने में एफआईआर दर्ज कराई जिसमें दो साथी पहलवानों के नाम हैं जिनमें से एक 17 बरस का है. उसने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग दोहराई है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी नरसिंह का समर्थन जारी रखा है लेकिन कहा कि अगर वह रियो ओलंपिक नहीं जा सका तो उसकी जगह प्रवेश राणा लेगा जिसे युनाइटेड विश्व कुश्ती ने मंजूरी दे दी है.
नरसिंह ने शिकायत दर्ज कराने के बाद पत्रकारों से कहा, ''मैने हमेशा से कहा है कि मेरे खिलाफ साजिश हुई है. यदि मुझे आरोपों से बरी कर दिया गया तो मैं रियो जाऊंगा. मैने उस लड़के को पहचान लिया है जिसने मेरे खाने में कुछ मिलाया. मैने पुलिस के पास तफ्सील से शिकायत दर्ज कराई है.''
उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि अधिकारी भी इसमें शामिल है क्योकि मुझे सीसीटीवी फुटेज नहीं दिये जा रहे.'' नरसिंह ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से बातचीत में नामों का खुलासा कर दिया.
उन्होंने कहा, ''हमें जितेश और सुमित पर शक है. जितेश 75 किलोवर्ग में लड़ता है. ये दोनों छत्रसाल अखाड़े में रहते हैं. इनमें से एक ने स्वीकार किया है कि उसने नरसिंह के खाने में कुछ मिलाया है. मैं साजिश पर कुछ नहीं कह सकता और यह भी नहीं कह सकता कि उन्होंने यह खुद किया या किसी के कहने पर. हम इसकी जांच नहीं कर सकते लेकिन मामले की सीबीआई जांच की नरसिंह की मांग का समर्थन करते हैं.''
दूसरी ओर खेलमंत्री विजय गोयल ने दोहराया है कि सरकार नरसिंह के रियो जाने पर फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के आधार पर लेगी. उन्होंने कहा, ''यदि फूड सप्लीमेंट्स में कुछ नहीं पाया गया तो इसे पाजीटिव डोप टेस्ट माना जायेगा. उसे सोनीपत में अभ्यास नहीं करने के लिये कहा गया था और ओलंपिक जाने वाले सभी खिलाड़ियों को उनकी मर्जी से अभ्यास का विकल्प दिया गया था.''
नरसिंह यादव की ओलंपिक खेलने की उम्मीदों पर आज लगभग तुषारापात हो गया जब पांच जुलाई को हुए दूसरे डोप टेस्ट में भी वह नाकाम रहे. समझा जाता है कि 25 जून के डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर अस्थायी निलंबन झेल रहे नरसिंह के पांच जुलाई को हुए टेस्ट के भी ए और बी नमूने पाजीटिव पाये गए.
भारतीय कुश्ती महासंघ के सूत्र ने प्रतिबंधित एनाबालिक स्टेरायड मेथांडिएनोन का हवाला देते हुए बताया, ''यह वही पदार्थ है जो पहले टेस्ट में पाया गया था. इसका शरीर से बाहर जाना संभव नहीं था.''
इससे पहले डब्ल्यूएफआई ने नरसिंह की जगह राणा का नाम देकर दोहरे ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के जाने की अटकलों पर विराम लगा दिया. नरसिंह को सुशील पर तरजीह देकर चुना गया था क्योंकि विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने ही रियो का कोटा हासिल किया था. राणा ने 2014 में अमेरिका में डेव शूल्ट्ज मेमोरियल कुश्ती टूर्नामेंट में 74 किलो वर्ग में स्वर्ण जीता था.
बृजभूषण ने कहा, ''युनाइटेड विश्व कुश्ती ने पिछले सप्ताह भारतीय ओलंपिक संघ को बताया कि चूंकि पाजीटिव टेस्ट प्रतिस्पर्धा के बाहर निकला है तो यादव की जगह किसी और को टीम में रखा जा सकता है या क्वालीफिकेशन स्पाट रिक्त रहेगा.''
उन्होंने कहा, ''आईओए ने युनाइटेड विश्व कुश्ती को बताया कि 74 किलो पुरूष फ्रीस्टाइल में प्रवीण राणा का नाम विकल्प के रूप में शामिल किया जाये.''
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