HWL : नीदरलैंड ने भारत को 3-1 से हराया, भारत अंतिम स्थान पर

Last Updated 01 Dec 2015 02:15:07 AM IST

रायपुर में विश्व हाकी लीग फाइनल में नीदरलैंड ने भारत को 3-1 से हराकर, भारत को अंतिम स्थान पर रहने को मजबूर कर दिया.


रायपुर : हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल के मैच में भारत और नीदरलैंड के खिलाड़ी गेंद को छीनने का प्रयास करते हुए.

भारत को सोमवार को रायपुर में नीदरलैंड के हाथों 1-3 से हार का सामना करना पड़ा जो उसकी विश्व हाकी लीग (एचडब्ल्यूएल) फाइनल में दूसरी हार है और इससे वह पूल बी में अंतिम स्थान पर रहा.

नीदरलैंड ने 36वें मिनट में बढ़त हासिल की जब मिंक वान डर वीर्डन ने पेनल्टी कार्नर पर गोल किया. इसके बाद मिकरे प्रूइसर (43वें मिनट) और रोइल बोवेनडीर्ट (54वें मिनट) ने दो मैदानी गोल किये. भारत की तरफ से एकमात्र गोल 47वें मिनट में चिंगलसना सिंह ने किया.

मैच की पूर्व संध्या पर भारत के मुख्य कोच रोलैंट ओल्टमैन्स ने कहा था कि भारतीय टीम यदि हाकी में आगे बढ़ना चाहती है तो उसे अपने प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी लेकिन लगता है कि उनके खिलाड़ियों पर इसका असर नहीं पड़ा और उन्होंने फिर से लचर प्रदर्शन किया और आठ टीमों के टूर्नामेंट में दूसरी हार झेली.

इसका मतलब है कि भारत पूल बी में सबसे निचले पायदान पर रहा. उसने तीन मैचों में एक अंक हासिल किया और उसे बुधवार को क्वार्टर फाइनल में पूल ए से शीर्ष पर रहने वाली टीम से भिड़ना होगा.

इस बीच नीदरलैंड पूल बी से शीर्ष पर पहुंच गया. उसने दो जीत से सात अंक हासिल किया और उसे पूल ए से सबसे निचली पायदान पर रहने वाली टीम का सामना करना है.

इस जीत से नीदरलैंड ने पिछले साल भुवनेर में चैंपियन्स ट्राफी के दौरान पूल मैचों में भारत से मिली 2-3 की हार का बदला भी चुकता कर दिया.

अज्रेंटीना के खिलाफ निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारत ने ओलंपिक चैंपियन जर्मनी को 1-1 से बराबरी पर रोका था और उसके बाद ओल्टमैन्स ने अपने खिलाड़ियों से अपने इस प्रदर्शन को आगे भी बरकरार रखने के लिये कहा था. लेकिन लगता है कि कोच की बात खिलाड़ियों ने अनसुनी कर दी क्योंकि उन्होंने जर्मनी के खिलाफ जैसा प्रदर्शन किया था आज वे उसके करीब भी नहीं पहुंचे.

भारतीय टीम का गेंद पर कब्जा 36 प्रतिशत रहा जबकि नीदरलैंड का 64 प्रतिशत. भारतीय टीम गोल पर आठ शाट ही लगा पायी जबकि नीदरलैंड ने 18 शाट गोल पर मारे.

भारत ने पहले क्वार्टर में विरोधी टीम के सर्किल में सेंध लगायी लेकिन फार्वड इन मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे. भारत को 11वें मिनट में गोल करने का मौका मिला जब धरमवीर सिंह का दायें छोर से क्रास सर्किल के अंदर खड़े रमनदीप सिंह को मिला लेकिन स्ट्राइकर के पुश को नीदरलैंड के गोलकीपर जाप स्टोकमैन ने रोक दिया.

इसके चार मिनट बाद थियरी बिंकमैन ने नीदरलैंड के लिये पहला मौका बनाया लेकिन उनका पुश गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गया.

दूसरे क्वार्टर में नीदरलैंड को अधिक मौके मिले लेकिन वे इन्हें गोल में नहीं बदल पाये. तीसरे क्वार्टर के शुरू में भारत को गोल करने का अवसर मिला लेकिन आकाशदीप सिंह दायें छोर से मनप्रीत सिंह के क्रास को नहीं संभाल पाये.

नीदरलैंड को इसके तुरंत बाद पहला पेनल्टी कार्नर मिला और मिंक वान डर ने उस पर गोल करने में गलती नहीं की. इसके चार मिनट बाद भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने सेवे वान एस के शाट को बचाकर भारत पर आया खतरा टाला.

लेकिन नीदरलैंड 43वें मिनट में दूसरा गोल करने में सफल रहा. इसके लिये भारतीय रक्षापंक्ति जिम्मेदार रही जिसने प्रूइसर को बाक्स के अंदर अकेला छोड़ दिया. इस स्ट्राइकर को वान डर वीर्डन के क्रास को गोल में डालने में कोई परेशानी नहीं हुई.

इसके चार मिनट बाद भारत ने अपना पहला गोल किया. भारत को पहला पेनल्टी कार्नर मिला. रूपिंदर पाल सिंह के फ्लिक को नीदरलैंड के गोलकीपर ने रोक दिया लेकिन चिंगलसना रिबाउंड पर गोल करने में सफल रहे.

इससे लगता है कि भारतीयों का आत्मविश्वास नहीं जागा क्योंकि उन्होंने हूटर बजने से छह मिनट पहले एक और गोल खा दिया. बोवेनडीर्ट को बाक्स के अंदर काफी जगह मिली और उन्होंने फ्लोरिस वान डर लिंडेन के प्रयास को बेकार नहीं जाने दिया जिन्होंने तीन रक्षकों को छकाकर गेंद उन तक पहुंचायी थी.

इस बीच दिन के आखिरी मैच में विश्व में पांचवें नंबर के अज्रेंटीना ने ओलंपिक चैंपियन जर्मनी को 3-1 से हराकर पूल बी में दूसरा स्थान हासिल किया.

ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पीलाट (17वें और 50वें मिनट) ने अज्रेंटीना की तरफ से पेनल्टी कार्नर पर दो गोल किये जिससे उनकी टीम टूर्नामेंट में दूसरी जीत दर्ज करने में सफल रही.
जर्मनी की तरफ से एकमात्र गोल निकलास वेलेन ने 26वें मिनट में किया.

अज्रेंटीना पूल बी में नीदरलैंड के बाद दूसरे स्थान पर रहा जबकि जर्मनी ने तीसरा और भारत ने चौथा स्थान हासिल किया.



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