खेल मंत्रालय ने 'योग' को खेल के रूप में मान्यता दी

Last Updated 01 Sep 2015 05:12:59 PM IST

खेल मंत्रालय ने 'योग' को खेल के रूप में मान्यता देने का फैसला किया और इसे 'प्राथमिकता' वर्ग में रखा है.


योग को खेल के रूप में मान्यता मिली.

मंत्रालय ने साथ ही बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अतीत के प्रदर्शन के आधार पर तलवारबाजी को अपग्रेड करते हुए इसे 'अन्य' से 'सामान्य' वर्ग में डाला है. साथ ही 'विश्वविद्यालय खेलों' को 'प्राथमिकता' वर्ग में रखने का फैसला किया गया है.

मंत्रालय ने मंगलवार को विभिन्न खेलों के वर्गीकरण की समीक्षा की और खेलों के वर्गों में संशोधन किया.

साथ ही बताया गया है कि 'सामान्य' वर्ग के खेलों को बरकरार रखा गया है. इस वर्ग में शामिल होने की पात्रता और इसके अंतर्गत मिलने वाली वित्तीय सहायता के बारे में जानकारी बाद में जारी होगी.



युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने अब फैसला किया है ओलंपिक, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेल जैसी बहु खेल प्रतियोगिताओं में शामिल खेल और वह खेल जिसमें ओलंपिक-एशियाई खेल-राष्ट्रमंडल खेल या उस खेल की एशियाई और विश्व चैम्पियनशिप में अगर व्यक्तिगत स्पर्धा में आठवीं तक और टीम स्पर्धा में 10वें स्थान तक हासिल किया जाता है तो उसे 'सामान्य' वर्ग में रखा जाएगा.

इस वर्ग के लिए वित्तीय सहायता इस प्रकार होगी: राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का खर्चा उठाया जाएगा, एक साल में भारत में एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का खर्चा उठाया जा सकता है और साल में एक बार सीनियर और जूनियर दोनों स्तर में अधिकतम एक विदेशी दौरे का खर्च उठाया जा सकता है.

 

 



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