सेप ब्लाटर पांचवीं बार फीफा अध्यक्ष बने
सैप ब्लाटर ने पांचवें कार्यकाल के लिए फीफा अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया जब उनके प्रतिद्वंद्वी प्रिंस अली बिन अल हुसैन दूसरे दौर के मतदान से पहले चुनाव से हट गए.
सेप ब्लाटर पांचवीं बार फीफा अध्यक्ष बने |
प्रिंस अली ने हालांकि पहले दौर के मतदान में ब्लाटर को जरूरी बहुमत हासिल करने से रोक दिया था.
इस्तीफे की मांग के बीच हुए इस चुनाव को जीतने के बाद ब्लाटर ने खुशी में अपने दोनों हाथ हवा में उठाए और फीफा कांग्रेस को वादा किया कि वह ऐसे ‘कमांडर’ साबित होंगे जो ‘फीफा की इस नाव का मार्गदर्शन करते हुए’ उसे भ्रष्टाचार के भंवर से निकालेंगे जिसमें संस्था फंस गई है.
इस बीच 79 बरस के ब्लाटर ने साथ ही संकेत दिए कि वह एक बार फिर अध्यक्ष पद के लिए चुनौती पेश नहीं करेंगे और चार साल में ‘मजबूत’ फीफा को ‘अपने उत्तराधिकारी’ को सौंपेंगे.
ब्लाटर पहले दौर में दो तिहाई बहुमत हासिल करने से सात वोट से पीछे रह गए. उन्हें पहले दौर में 133 जबकि प्रिंस अली को 73 वोट मिले.
जोर्डन के शाह के भाई प्रिंस अली मतदान को दूसरे दौर तक खींचकर ले गए जिससे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे फीफा में मतभेद भी उजागर हुए.
प्रिंस अली ने फीफा अध्यक्ष पद की दौड़ से हटने से पूर्व उन लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने साहस दिखाते हुए उनके पक्ष में मतदान किया. ब्लाटर ने भी प्रिंस अली को उनके प्रदर्शन पर बधाई दी.इससे पहले चुनावों पर बुधवार को सात फीफा अधिकारियों की गिरफ्तारी का साया रहा जिसमें दो उपाध्यक्षी भी शामिल थे.
स्विट्जरलैंड की पुलिस 2018 के विश्व कप की मेजबानी रूस को और 2022 के टूर्नामेंट का अधिकार कतर को दिए जाने की भी जांच कर रही है. इन दोनों टूर्नामेंटों क अधिकार दिए जाने में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
इससे पूर्व मतदान से पहले ब्लाटर ने पुन: चयन होने पर फीफा को भ्रष्टाचार के विवाद से बाहर निकालने की दिशा में काम करने की बात कही.
ब्लाटर ने कांग्रेस से कहा, ‘‘इस सब के लिए मैं जिम्मेदार हूं. हां, मैं इस जिम्मेदारी को स्वीकार करता हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मजबूत फीफा का वादा करता हूं, मैं फीफा की स्थिति में सुधार करना चाहता हूं. मैं खूबसूरत, मजबूत फीफा चाहता हूं और उसे मुश्किल से निकालना चाहता हूं.’’
दूसरी तरफ प्रिंस अली ने पूरी दुनिया का दौरा करते हुए वादा किया था कि अगर वह जीते तो सुधार और पारदर्शिता के अलावा संस्था का सम्मान दोबारा कायम करेंगे.
यूरोप के 53 में से अधिकांश वोट प्रिंस अली के पक्ष में गए जबकि उन्हें अमेरिका और एशिया का समर्थन भी मिला. लेकिन ब्लाटर ने अफ्रीका और एशिया में मजबूत समर्थन हासिल करते हुए एक और कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद अपने नाम किया.
बुधवार को फीफा के ज्यूरिख होटल से गिरफ्तारी और फीफा मुख्यालय पर स्विस पुलिस के छापे के बाद ब्लाटर ने अंतिम कुछ दिन और घंटे अपने समर्थकों को यह आस्त करते हुए बिताए कि वह अब भी फीफा को चलाने में सक्षम हैं.
ब्लाटर ने इसके अलावा चुनाव के समय से पहले गिरफ्तारियों पर सवाल भी उठाए. उन्होेंने कहा, ‘‘लोग कहते हैं कि यह सिर्फ संयोग है लेकिन मेरा नजर में सवालिया निशान है.’’
ब्लाटर ने कहा कि सात लोगों की गिरफ्तारी ने ‘तूफान’ ला दिया है और कांग्रेस को ‘अहम फैसले’ करने होंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं टीम भावना, एकजुटता की अपील करता हूं जिससे कि हम एक साथ आगे बढ़ सकें. शायद यह आसान नहीं हो लेकिन आज हम यहां इसके लिए ही एकत्रित हुए हैं.’’
ब्लाटर ने अपना बचाव करते हुए वह कहा कि वह अकेले पूरे फुटबाल की ‘निगरानी’ नहीं कर सकते और घोटालों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
उन्होंने क्षेत्रीय महासंघों और राष्ट्रीय संघों से बड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ‘‘दोषी वे व्यक्गित अधिकारी हैं, पूरा संगठन नहीं.’’
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