मोटर स्पोर्ट्स को आखिरकार सरकार से मान्यता मिली

Last Updated 24 Apr 2015 05:46:15 PM IST

मोटर स्पोर्ट्स को एक खेल के रूप में मान्यता देकर सरकार ने इसकी संचालन इकाई एफएमएससीआई को खेल मंत्रालय से मान्य राष्ट्रीय खेल महासंघों की सूची में शामिल कर लिया है.


मोटर स्पोर्ट्स को सरकार ने मान्यता दी (फाइल फोटो)

यह नया घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब कर एवं नौकरशाही संबंधी बाधाओं की वजह से ग्रां प्री का आयोजन टलने के बाद देश में फार्मूला वन वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं.

मंत्रालय ने खेल स्पर्धाओं की नवीनतम समीक्षा में मोटर स्पोर्ट्स को अपनी सूची में शामिल किया. हालांकि इसे \'अन्य\' वर्ग में शामिल किया गया जिसका मतलब है कि भारतीय मोटर स्पोर्ट्स क्लब महासंघ (एफएमएससीआई) को कोई वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी.

हालांकि एफएमएससीआई को सरकार की मदद से एफ1 इंडियन ग्रां प्री को कोई फायदा नहीं पहुंचेगा क्योंकि रेस वापस लाना मुख्य रूप से प्रोमोटर जेपी ग्रुप और उसके व्यवसायिक अधिकार धारक फार्मूला वन मैनेजमेंट (एफओएम) का काम है.

एफएमएससीआई के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में मद्रास मोटर स्पोर्ट्स क्लब का प्रतिनिधित्व करने वाले इसके सदस्य विकी चंडोक ने सालों के इंतजार के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदम का स्वागत किया.

चंडोक ने शुक्रवार को कहा, \'\'यह भारतीय मोटर स्पोर्ट्स के लिए अच्छा है. दिलचस्प रूप से सरकार ने एफएमएससीआई की मान्यता कभी भी वापस नहीं ली थी, उसने केवल 2011 में संगठन को एनएसएफ की मान्यता प्राप्त सूची से हटा लिया और हमें दोबारा मान्यता दे दी है. और मोटर स्पोर्ट्स की तरफ सरकार की बेरूखी को लेकर बहुत ज्यादा आलोचना का कारण यह था कि उस समय फॉर्मूला वन पहली बार (2011) भारत में आया था. भारतीय मोटर स्पोर्ट्स इतनी चर्चा में कभी नहीं रहा था.\'\'

हालांकि सरकार मोटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए धन नहीं देगी, एफएमएससीआई की आठ सदस्यीय परिषद के वर्तमान सदस्य और पूर्व रेसर अकबर इब्राहिम ने कहा कि मंत्रालय से मान्यता मिलने के बहुत सारे फायदे होंगे.

उन्होंने कहा, \'\'तीन हफ्ते पहले हमें खेल मंत्रालय से पत्र मिला कि वह अब एफएमएससीआई को मान्यता देता है. महासंघ हमेशा मान्यता प्राप्त सदस्य था लेकिन एनएसएफ का दर्जा लेने के लिए हमें मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करना पड़ा जिनमें (पदाधिकारियों की) उम्र और कार्यकाल की सीमाओं से जुड़े प्रावधान शामिल हैं. मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए जो भी संशोधन जरूरी थे किए गए और मंत्रालय को सौंप दिए गए. पूरी प्रक्रिया में करीब छह महीने का समय लगा.\'\'

सरकार से मान्यता मिलने के फायदों के बारे में इब्राहिम ने कहा, \'\'हमें चैम्पियनशिप कराने के लिये सरकार से कई तरह की मंजूरी लेनी होती है. चाहे वह कार्ट, कार या बाइक चैम्पियनशिप हो. अब सरकार से मान्यता मिलने पर मंजूरी लेना आसान हो जायेगा.\'\'

उन्होंने कहा, \'\'इसके अलावा एक बार सरकार से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय चैम्पियनशिप बनने पर स्कूलों और कालेजों में इसमें भागीदारी को लेकर रूचि बढेगी. इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों को स्कूल से फायदे मिलेंगे और स्कूल भी मोटर स्पोर्ट्स को बढावा देना चाहेंगे.\'\' उन्होंने कहा कि सरकारी आर्थिक मदद के अभाव से खेल पर विपरीत असर नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा, \'\'मोटर स्पोर्ट्स सरकारी आर्थिक मदद के बिना भी जारी था लिहाजा वह कोई दिक्कत नहीं है. हमें मान्यता चाहिये थी जो मिल गई है. यह भारतीय मोटर स्पोर्ट्स के लिये सकारात्मक पहल है.\'\'



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