रियो ओलंपिक के बाद संन्यास ले लेगी बॉक्सर मेरीकाम

Last Updated 02 Mar 2015 09:21:20 PM IST

ओलंपिक पदक विजेता एम सी मेरीकाम ने आज कहा कि उन्होंने 2016 में होने वाले रियो ओलंपिक खेलों के बाद मुक्केबाजी से संन्यास लेने का फैसला किया है.


रियो ओलंपिक के बाद संन्यास ले लेगी मेरीकाम (फाइल फोटो)

क्योंकि इसके बाद उनका शरीर उन्हें इस खेल में बने रहने की अनुमति नहीं देगा.

यह 32 वर्षीय मुक्केबाज पिछले कुछ समय से संकेत दे रही थी कि वह मुक्केबाजी से संन्यास ले सकती है लेकिन आज यहां उन्होंने साफ कर दिया कि अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक खेल उनकी आखिरी प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिता होगी.

मेरीकाम ने एक सोशल मीडिया अभियान की शुरूआत करते हुए कहा, ‘‘मैंने फैसला किया है कि मैं 2016 ओलंपिक के बाद संन्यास ले लूंगी. रियो ओलंपिक मेरी आखिरी प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिता होगी और मैं उसके बाद इस खेल में नहीं बनी रहूंगी. ’’

लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य पदक जीतने वाली मेरीकाम ने कहा, ‘‘मेरा तीसरा बच्चा दो साल का है और मुझे लगता है कि यह काफी है. तीन बच्चों के साथ कौन मुक्केबाजी से जुड़ी कठोरता को झेल सकता है. मैं रियो में स्वर्ण पदक जीतकर इस देश के लोगों को खुशी देना चाहती हूं. मैं वहां स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूं और इसलिए 2016 तक खेल में बने रहने के बारे में सोच रही हूं. ’’

मेरीकाम ने कहा कि रियो ओलंपिक के बाद वह अपनी मुक्केबाजी अकादमी पर ध्यान केंद्रित करेगी. यह अकादमी इंफाल में स्थापित की गयी है और संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इसका उदघाटन करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने रियो ओलंपिक के बाद के लिये योजना तैयार कर ली है. मैं अपना पूरा समय अपनी अकादमी को दूंगी. मैं कई मेरीकाम, कई वि चैंपियन तैयार करना चाहती हूं. मैं किसी भी सामाजिक कार्य के लिये भी उपलब्ध रहूंगी. ’’

मेरीकाम ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा कि अकादमी के उदघाटन से पहले मैं उन्हें सूचित कर दूं. अकादमी का काम अपने आखिरी चरण में है और मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इसका उदघाटन करेंगे.’’

उन्होंने देश में मुक्केबाजी समुदाय में आपसी लड़ाई पर भी निराशा जतायी और कहा कि इसका खामियाजा केवल मुक्केबाजों को भुगतना पड़ रहा है.

मेरीकाम से पूछा गया कि भारतीय मुक्केबाजी का भविष्य क्या है, उन्होंने कहा, ‘‘मैं क्या कह सकती हूं. महासंघ के अंदर लड़ाई चल रही है. कोई कह रहा है कि ये करो तो अन्य कह रहे कि ऐसा करो. मुक्केबाज असमंजस की स्थिति में हैं और नहीं जानते कि क्या करना है. जब तब एकता नहीं होगी हमें कुछ हासिल नहीं होगा. नुकसान केवल मुक्केबाजों को हो रहा है. ’’



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