खिलाड़ियों को खल रही है वाल्श की कमी
भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच के पद से टैरी वाल्श के अचानक चले जाने का खिलाड़ियों पर गहरा असर हुआ है.
भुवनेश्वर : कलिंगा स्टेडियम में अभ्यास के दौरान आपस में गेंद के लिए जूझते भारतीय खिलाड़ी. |
खिलाड़ियों का कहना है कि चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उन्हें ऑस्ट्रेलियाई कोच की कमी खल रही है. खिलाड़ियों ने एक सुर में वाल्श की तारीफ की लेकिन कहा कि उनके जाने का असर भुवनेश्वर में छह से 14 दिसम्बर तक होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में प्रदर्शन पर नहीं पड़ने देंगे.
स्ट्राइकर रमनदीप सिंह ने कहा, \'वाल्श बहुत अच्छे कोच थे और हालिया नतीजे इसका सबूत है. वाल्श और रोलेंट ओल्टमेंस की जोड़ी अच्छी थी. ओल्टमेंस अभी भी हमारे साथ है और पिछले एक साल से हम उन दोनों की बनाई रणनीति पर ही काम कर रहे हैं.\'
पिछले साल अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया के माइकल नोब्स की जगह लेने वाले वाल्श ने भारत लौटने की इच्छा जताई थी लेकिन हॉकी इंडिया ने अमेरिकी हॉकी कोच के साथ उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमिताओं का आरोप लगाते हुए उनकी वापसी के दरवाजे बंद कर दिए. रमनदीप ने कहा, \'वाल्श हर मायने में नोब्स से बेहतर कोच थे. जिस तरीके से वह हमसे बात करते थे और मेहनत करते थे, वह काफी मायने रखता है. हम एक दूसरे के साथ खुश थे.\'
भारतीय कप्तान सरदार सिंह ने भी रमनदीप के सुर में सुर मिलाते हुए वाल्श की तारीफ की लेकिन कहा कि उनके जाने के बावजूद टीम का मनोबल गिरा नहीं है. उन्होंने कहा, \'इसमें कोई शक नहीं कि वह अच्छे कोच थे. मुझे इतना ही पता है कि उनका एक साल का करार खत्म हो गया और वह चले गए. इस बारे में साइ और हॉकी इंडिया को ज्यादा पता होगा.\'
उन्होंने कहा, \'टीम का माहौल अच्छा है और हम उसी तरह से अभ्यास कर रहे हैं जैसे वाल्श के साथ करते थे. ओल्टमेंस भी लंबे समय से यहां है जिससे मदद मिल रही है.\'
भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मैच में जर्मनी से खेलना है और सरदार ने कहा कि मेजबान टीम एशियाई खेलों और आस्ट्रेलिया दौरे के अपने प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहेगी. उन्होंने कहा, \'हम अभ्यास में व्यस्त हैं और अखबार पढ़ने का समय नहीं है. हम पूरे 60 मिनट लगातार अच्छा खेलने पर मेहनत कर रहे हैं. हम प्रदर्शन में लगातार सुधार को प्रतिबद्ध हैं.\'
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