कोचिंग को आकषर्क बनाने की जरूरत : गोपीचंद
भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने चेताया कि महान कोचों को लुभाने में नाकाम रहने पर विश्व स्तरीय खिलाड़ियों की अगली जमात तैयार करना मुश्किल होगा.
भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद (फाइल फोटो) |
भारतीय बैडमिंटन भले ही के श्रीकांत और साइना नेहवाल के चाइना ओपन जीतने जश्न में डूबा हो लेकिन गोपीचंद ने चेताया कि देश को अच्छे खिलाड़ी देने के लिए अच्छे कोचों की जरूरत होगी.
पूर्व आल इंग्लैंड चैम्पियन ने कहा कि भारतीय बैडमिंटन को आगे ले जाने के लिये नये खिलाड़ियों की जमात को प्रेरित और प्रतिबद्ध बनाये रखना और शीर्ष स्तरीय कोचों की सेवाएं लेना दो बड़ी चुनौतियां हैं.
उन्होंने सीआईआई यंग इंडियंस द्वारा आयोजित \'युवा सम्मेलन\' में कहा, \'\'भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन कड़ा परिश्रम और अनुशासन मिलना मुश्किल है.\'\'
गोपीचंद ने कहा, \'\'अगली जमात के खिलाड़ियों को तैयार करना बहुत कठिन काम है. बुनियादी ढांचा तैयार करना सबसे आसान है. आठ से दस साल तक पूरे समर्पण और मनोबल के साथ काम करने वाले लोगों को तलाशना बहुत मुश्किल है.\'\'
उन्होंने कहा कि जब तक कोचिंग को आकषर्क नहीं बनाया जाता, लोग यह पेशा नहीं अपनायेंगे.
उन्होंने कहा, \'\'अच्छे कोच नहीं होने पर अच्छे खिलाड़ी नहीं निकलेंगे. फिलहाल कोचों को उतनी तवज्जो नहीं दी जाती है इसलिये सर्वश्रेष्ठ कोच इसे पेशा नहीं बनाते. भारत ने पिछले एशियाई खेलों में करीब 60 पदक जीते लेकिन हम कितने कोचों का नाम जानते हैं.\'\'
उन्होंने कहा, \'\'यदि आप बेहतरीन कोच नहीं दे सकते तो खिलाड़ियों की अगली जमात भी तैयार नहीं होगी.\'\'
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