'वेतन विवाद' पर टैरी वाल्श ने छोड़ा हॉकी टीम के मुख्य कोच का पद, खेल मंत्री ने मांगी रिपोर्ट

Last Updated 21 Oct 2014 06:13:58 PM IST

पुरूष हॉकी टीम के मुख्य कोच टैरी वाल्श ने भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ 'वेतन विवाद' के कारण मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देकर भारतीय हॉकी को बड़ा झटका दिया.


वाल्श के इस्तीफे से भारतीय हॉकी को झटका (फाइल फोटो)

उनके मार्गदर्शन में लगभग तीन हफ्ते पहले ही भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में हुए एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था.
     
स्वयं स्टार ओलंपियन रहे ऑस्ट्रेलिया के 60 वर्षीय वाल्श ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि उन्हें देश में खेल नौकरशाही के फैसले करने की शैली से सामंजस्य बिठाने में दिक्कत आ रही है. उन्हें लगता है कि यह लंबे समय में भारतीय हॉकी या उसके खिलाड़ियों के सर्वश्रेष्ठ हितों में नहीं है. उनका अनुबंध 2016 रियो ओलंपिक तक था.
     
साइ महानिदेशक जिजि थामसन ने कहा कि वाल्श का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और उन्हें उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाएगा.

केन्द्रीय खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने हालांकि कहा कि वह इस मुद्दे का हल निकालने पर गौर कर रहे हैं.  उन्होंने वाल्श के मुद्दे पर साई से रिपोर्ट भी मांगी है.
 
सोनोवाल ने कहा, 'मैंने थामसन से इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट देने कहा है. पहले यह रिपोर्ट आने दीजिए तभी जाकर मैं इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे पाऊंगा'. 
     
वाल्श ने 19 अक्टूबर को थामसन को भेजे पत्र में कहा, ‘‘मैं भारतीय पुरूष हॉकी टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा देता हूं जो मेरे अनुबंध की शर्तों या सभी संबंधित पक्षों की सहमति से प्रभावी होगा’’.
     
इस पत्र को बाद में मीडिया को जारी किया गया. हालांकि यह पता चला है कि वाल्श और कुछ अन्य सहायक स्टाफ को उनके वेतन पर टीडीएस काटे जाने को लेकर सरकार से कुछ समस्या थी.

भारत ने वाल्श के मार्गदर्शन में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी रजत पदक जीता था.

थामसन ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि टीडीएस को लेकर कोई मुद्दा था. उन्होंने कहा कि समस्या हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने पैदा की है. उन्होंने इस मुद्दे को बत्रा की ओर से 'झूठी अफवाह' बताकर खारिज कर दिया.
     
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि वाल्श ने इस्तीफा देने का फैसला किया. उन्होंने कभी हमें कोई शिकायत नहीं की. अचानक आया यह फैसला आश्चर्यजनक है’’.
     
साइ महानिदेशक ने स्वीकार किया कि वाल्श 'बेहतरीन कोच' थे जिन्हें कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद स्वीकार गया.
     
उन्होंने कहा, ‘‘वह काफी अच्छा कोच है और उन्होंने एशियाई खेलों में टीम को स्वर्ण और राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक दिलाया. हम उसके प्रदर्शन से खुश हैं’’.
     
वाल्श ने हालांकि अपने इस्तीफे में यह भी कहा कि वह अपने पद पर नहीं बने रहना चाहते क्योंकि उन्हें टीम के साथ लगातार यात्रा करनी पड़ती है.

वाल्श ने कहा, ‘‘नौकरशाही की इन सीमाओं में पेशेवर तौर पर काम नहीं कर पाने की मेरी मुश्किल के अलावा मैं ऑस्ट्रेलिया में अपने परिवार से लगातार इतने अधिक समय तक दूर नहीं रहना चाहता. मेरी मौजूदा प्रतिबद्धता मेरे निजी जीवन पर काफी तनाव डाल रही है’’.
     
वाल्श ने हालांकि राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के रूप मौका दिए जाने के लिए साइ को धन्यवाद दिया.     



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