भारत ने 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता

Last Updated 21 Sep 2014 08:32:37 AM IST

भारतीय निशानेबाजों ने 17वें एशियाई खेलों में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए पुरूष 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा का कांस्य पदक जीता.


जीतू राय (फाइल)

एशियाई खेलों के दूसरे दिन भारत को जीतू राय, समरेश जंग और प्रकाश नांजप्पा की तिकड़ी ने यह पदक दिलाया.

जीतू का यह दूसरा पदक है. इससे पहले उन्होंने शनिवार को प्रतियोगिता के पहले दिन ओंगनियोन अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज में 50 मीटर पिस्टल का स्वर्ण पदक जीता था.
    
जीतू, समरेश और नांजप्पा की टीम ने कुल 1743 के स्कोर के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया.
    
भारत और चीन के बराबर 1743 अंक थे लेकिन चीन ने भारत के 64 के मुकाबले 65 ‘बुल्स आई’ निशाने मारे जिससे उसे रजत पदक मिला.
    
किम चियोंगयोंग, जिन जोंगोह और ली डेइमयुंग की कोरिया की तिकड़ी ने 1744 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि पेंग वेई, प्यू काईफेंग और वांग झिवेई की चीन की टीम की रतत पदक हासिल किया.

इस बीच जीतू राय ने क्वालीफाइंग में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में भी जगह बनाई लेकिन वह पांचवें स्थान पर रहते हुए पदक हासिल नहीं कर पाए.
    
जीतू ने क्वालीफाइंग में 585 अंक जुटाए जो शीर्ष पर रहे कजाखस्तान के राशिद युनुसमेतोव से एक कम था. भारत के अन्य निशानेबाजों में समरेश जंग 580 अंक के साथ नौवें जबकि पैर में चोट के बावजूद खेल रहे प्रकाश नांजप्पा 578 अंक के साथ 14वें स्थान पर रहे. इन तीनों की भारतीय टीम ने 1743 अंक जुटाए जो दूसरे स्थान पर रहे चीन के बराबर रहे.
    
समरेश ने बाद में कहा कि रजत ही क्यों, हम काफी कम अंतर से स्वर्ण से भी चूक गए.
    
जीतू ने क्वालीफाइंग के दौरान 97, 99, 95, 98, 97 और 99 की सीरीज बनाई.
    
राष्ट्रमंडल खेल 2006 में शानदार प्रदर्शन के कारण ‘गोल्ड फिंगर’ के नाम से मशहूर हुए समरेश ने 97, 97, 97, 96, 96 और 98 की सीरीज से अंक जुटाए लेकिन एक स्थान से फाइनल में जगह बनाने से चूक गए.
    
समरेश ने बाद में कहा कि मैं पदक जीतकर खुश हूं और निराश नहीं हूं (फाइनल में जगह नहीं बनाकर)

उन्होंने कहा कि रजत ही क्यों हमने सिर्फ एक अंक से स्वर्ण पदक भी गंवाया लेकिन यह ऐसे ही चलता है.
 
निशानेबाजी टीम के अन्य सदस्यों की तरह समरेश को भी एक्रिडिटेशन नहीं मिलने के कारण कोरिया का वीजा हासिल करने के लिए स्पेन में विश्व चैम्पियनशिप के बाद स्वदेश लौटना पड़ा था लेकिन कुछ अन्य खिलाड़ियों के विपरीत वह कुछ दिन घर में बिताकर खुश थे.
    
भविष्य के बारे में पूछने पर समरेश ने कहा कि मैं फिलहाल रियो क्वालीफिकेशन के बारे में नहीं सोच रहा हूं. अगर मुझे कोटा मिला तो मैं वहां जाकर खेलूंगा. इसमें अभी दो साल का समय है. मैं राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लूंगा.

राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता नांजप्पा को ग्रेनाडा में विश्व चैम्पियनशिप से पहले जर्मनी के हैनोवर में शारीरिक फिटनेस ट्रेनिंग के दौरान सड़क पर दौड़ते हुए पैर में चोट लगी थी.
    
उन्होंने कहा कि मैंने विश्व चैम्पियनशिप में अपने बायें पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के साथ निशानेबाजी की थी. रविवार को भी मैंने ऐसा ही किया.

नांजप्पा भी अपनी साथी निशानेबाज श्वेता चौधरी की तरह अपनी नयी पिस्टल का इस्तेमाल नहीं कर पाई क्योंकि यह कोरिया के सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ थी और शनिवार देर रात ही उन्हें मिली.
    
उन्होंने कहा कि हमने महासंघ को इस्तेमाल की जाने वाली पिस्टल की जानकारी दी थी जिसने इसे भारतीय ओलंपिक संघ को पहुंचा दिया था. अपनी तरफ से मैंने महासंघ को काफी पहले ही इसकी जानकारी दे दी थी.

नांजप्पा ने कहा कि पिस्टल अगर नयी होती है तो इसका अहसास अलग होता है. मैंने विश्व चैम्पियनशिप के दौरान इसे इस्तेमाल किया था.

नांजप्पा फाइनल में जगह नहीं बना पाने से निराश हैं और उन्होंने साथ ही कहा कि टीम अगर स्वर्ण नहीं तो कम से कम रजत जीत सकती थी.

उन्होंने कहा कि हमें बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था. मैंने लय में आने में समय लिया. मैंने पांव में चोट के बाद डॉक्टर की सलाह के कारण कई दिनों से शारीरिक फिटनेस का नियमित अभ्यास नहीं किया जैसा दौड़ना आदि.

    
भारत को शनिवार को श्वेता चौधरी ने 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक के साथ खेलों का पहला पदक दिलाया था जबकि जीतू ने देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment