एशियाड में 53 साल पुराना रिकार्ड तोड़ने उतरेगा भारत

Last Updated 16 Sep 2014 05:53:58 PM IST

भारत ने चार साल पहले ग्वांगझू एशियाई खेलों में अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था और अब उसकी नजरें एशियाड के इतिहास में 53 साल पुराना अपना रिकार्ड तोड़ने पर टिक गई हैं.


ग्वांगझू एशियाई खेल (फाइल फोटो)

भारत ने वर्ष 1951 में पहले एशियाई खेलों की मेजबानी दिल्ली में की थी और तब उसने 15 स्वर्ण, 16 रजत और 20 कांस्य सहित कुल 51 पदक जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया था. यह एशियाई खेलों के इतिहास में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इंचियोन एशियाई खेलों में भारत अपने प्रदर्शन में सुधार करने के इरादे से उतरेगा.

चार साल पहले ग्वांगझू में भारत ने 14 स्वर्ण, 17 रजत और 34 कांस्य सहित कुल 65 पदक जीते थे. स्वर्ण पदकों के लिहाज से यह भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था और कुल पदकों के लिहाज से यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.

भारत ने इससे पहले 1982 में अपनी मेजबानी में दिल्ली में हुये एशियाई खेलों में 13 स्वर्ण, 19 रजत और 25 कांस्य सहित कुल 57 पदक जीते थे. कुल पदकों के लिहाज से यह भारत का ग्वांगझू से पहले तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था जिसे भारत ने 2010 में पार कर लिया था.

दक्षिण कोरिया भारत के लिये हमेशा भाज्ञशाली रहा है. दक्षिण कोरिया में पहली बार 1986 में सोल में एशियाई खेलों की मेजबानी की थी जहां भारत ने पांच स्वर्ण, नौ रजत और 23 कांस्य सहित कुल 37 पदक जीते थे. दक्षिण कोरिया ने दूसरी बार 2002 में बुसान में एशियाई खेलों की मेजबानी की और भारत की पदक संख्या में 1982 के बाद पहली बार  उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई.

भारत ने बुसान में 11 स्वर्ण, 12 रजत और 13 कांस्य सहित कुल 36 पदक जीते. सोल में जहां पांच स्वर्ण थे वहां बुसान में 11 स्वर्ण पदक हो गये. उम्मीद की जानी चाहिये कि 17वें एशियाई खेलों का मेजबान शहर इंचियोन भारत के लिये भाज्ञशाली साबित होगा और वह अपनी पदक संख्या को ग्वांगझू के मुकाबले पीछे छोडक़र नया इतिहास रचेगा.

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने उम्मीद जताई है कि भारत इंचियोन में इस बार कम से कम 70 पदक जीतेगा. हालांकि इस आंकड़े में स्वर्ण संख्या का कोई अंदाजा नहीं लगाया गया है लेकिन जिस तरह भारतीय खिलाड़ियों ने 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों और फिर ग्वांगझू एशियाई खेलों में रिकार्ड प्रदर्शन के बाद लंदन ओलंपिक में नया इतिहास बनाया उसे देखते हुये यदि इंचियोन में भारतीय खिलाड़ी चमत्कार कर जाए तो कोई हैरत नहीं होगी.

भारत ने एशियाई खेलों के इतिहास में अब तक कुल 128 स्वर्ण, 168 रजत  और 249 कांस्य सहित कुल 545 पदक जीते हैं. भारत एशियाड के इतिहास की ओवरआल पदक तालिका में चीन- 1191 स्वर्ण, जापान-910, दक्षिण कोरिया और ईरान के बाद पांचवें स्थान पर है.

भारत के प्रदर्शन में सबसे बड़ा योगदान एथलेटिक्स का है जिनमें भारत ने 70 स्वर्ण सहित 219 पदक जीते हैं. कुश्ती में भारत ने आठ स्वर्ण, मुक्केबाजी, टेनिस तथा कबड्डी में सात-सात स्वर्ण, क्यू स्पोर्ट्स में पांच स्वर्ण, निशानेबाजी में चार स्वर्ण, हाकी, गोल्फ और घुड़सवारी में तीन-तीन स्वर्ण, गोताखोरी, शतरंज और फुटबाल में दो-दो स्वर्ण तथा रोइंग, तैराकी और वाटर पोलो में एक एक स्वर्ण जीता है.

भारत इस बार इंचियोन में 679 सदस्यीय दल उतार रहा है जिसमें 516 एथलीट शामिल  हैं जो 28 खेलों में हिस्सा लेंगे.भारत ने पिछली बार 662 एथलीट उतारे थे और 35 खेलों में हिस्सा लिया था. भारत को इस बार सबसे ज्यादा उम्मीद निशानेबाजी, कबड्डी, मुक्केबाजी, कुश्ती, स्क्वैश, टेनिस, वुशू, एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, गोल्फ, रोइंग और याचिंग में है.



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