विश्व बैडमिटन चैंपियनशिप में सिंधू का कांस्य पदक पक्का, साइना बाहर

Last Updated 29 Aug 2014 06:43:30 PM IST

भारतीय बैडमिंटन की युवा सनसनी पी वी सिंधू ने शुक्रवार को कोपेनहेगेन में विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने लिये लगातार दूसरा कांस्य पदक पक्का किया.


पी वी सिंधू विश्व चैंपियनशिप में रिटर्न करती हुई.

जबकि भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में सीधे गेम में हारकर बाहर हो गयी.

चीन में 2013 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली 19 वर्षीय सिंधू ने फिर से बेजोड़ प्रदर्शन किया और बालेरूप सुपर एरेना में चीन की आल इंग्लैंड चैंपियन शिझियान वांग को 19-21, 21-19, 21-15 से हराया. इस महीने के शुरू में सिंधू ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी कांस्य पदक जीता था.
 
इससे पहले ओलंपिक कांस्य पदक और यहां सातवीं वरीयत प्राप्त साइना को विश्व में नंबर एक चीनी खिलाड़ी ली शुएरूई के हाथों केवल 45 मिनट में 15-21, 15-21 से हार का सामना करना पड़ा.

लेकिन 11वीं वरीयता प्राप्त सिंधू ने फिर से दिखाया कि आखिर क्यों उन्हें भारत की सर्वश्रेष्ठ शटलर माना जाता है. उन्होंने कड़े मुकाबले में महत्वपूर्ण क्षणों पर अपना धैर्य बनाये रखा और वांग के खिलाफ चौथी जीत दर्ज की.

सिंधू सेमीफाइनल में चीनी ताइपै की झू यिंग ताई और स्पेन की कारोलिना मारिन के बीच होने वाले मैच की विजेता से भिड़ेगी.

\"\"एक घंटा 25 मिनट चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में सिंधू और वांग ने एक दूसरे की गलतियों का फायदा उठाकर अंक बनाये. शुरू में सिंधू ने नेट पर दबदबा बनाया और वह 11-5 से बढ़त पर आ गयी. वांग ने हालांकि जल्द ही स्कोर 15-15 से बराबर कर दिया और फिर पहला गेम जीतकर मैच में 1-0 से बढत बना ली.

पहले गेम में हार से परेशान सिंधू ने दूसरे गेम में 5-1 की अच्छी बढ़त के साथ शुरूआत की लेकिन वांग ने जल्द ही स्कोर 6-6 से बराबरी पर ला दिया. ब्रेक के समय चीनी खिलाड़ी 11-9 से आगे चल रही थी.

वांग की दो गलतियों के कारण सिंधू ने दोनों के बीच अंतर कम किया. भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद भी अपनी जी जान लगाये रखी और स्कोर 16-16 से बराबरी पर ला दिया. वांग ने हालांकि नेट्स पर गलतियां की जिससे सिंधू 19-16 से बढ़त पर आ गयी. इसके बाद उनका शाट सही नहीं लगा जिससे भारतीय के पास चार गेम प्वाइंट आ गये.

चीनी खिलाड़ी ने तीन गेम प्वाइंट बचाये लेकिन आखिर में सिंधू महत्वपूर्ण अंक हासिल करके मैच को बराबरी पर लाने में सफल रही.

निर्णायक गेम की शुरूआत लंबी रैलियों से हुई. चीनी खिलाड़ी ने इस बीच कई शाट बाहर लगाये जिससे भारतीय ने 5-2 की बढत हासिल कर ली. वांग ने हालांकि फिर से वापसी करके स्कोर 5-5 पर ला दिया. सिंधू और वांग ने कई गलतियां की और ब्रेक तक भारतीय ने एक अंक की बढ़त बनाये रखी लेकिन इसके तुरंत बाद स्कोर 12-12 से बराबर हो गया.

वांग ने जहां अपने ड्राप और क्रास कोर्ट शाट का अच्छा इस्तेमाल किया वहीं सिंधू ने चीनी खिलाड़ी की बैक हैंड की कमजोरी का फायदा उठाकर अंक बनाये और 17-15 से बढ़त पर आ गयी. सिंधू ने इसके बाद अगले चार अंक जुटाकर वांग को बाहर का रास्ता दिखाया और अपने लिये लगातार दूसरा कांस्य पदक पक्का किया.

साइना के लिए हालांकि इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक का इंतजार बढ़ गया. ओलंपिक चैंपियन और शीर्ष वरीय शुएरूई के सामने उन्होंने फिर से आसानी से हथियार डाल दिये जो इस खिलाड़ी के खिलाफ उनकी आठवीं हार है.

राष्ट्रमंडल खेल 2010 की स्वर्ण पदक विजेता साइना ने पिछले दौर में जापान की सयाका तकाहाशी पर कड़े मुकाबले में 14-21, 21-18, 21-12 से जीत दर्ज की थी लेकिन चीनी खिलाड़ी के खिलाफ वह शुरू से ही लय में नहीं दिखी और पहले गेम में पूरे समय शुएरूई से पीछे रही.

शुएरूई ने साइना की गलतियों का फायदा उठाकर 9-4 की बढ़त हासिल कर ली. इसके बाद भारतीय ने कोशिश की और उन्होंने अंतर 10-8 कर दिया. लेकिन जब लग रहा था कि साइना लय में लौट रही है तब चीनी खिलाड़ी ने फिर से दबदबा बनाया और फिर 18-11 से बढ़त बनाकर जल्द ही पहला गेम अपने नाम कर दिया.

दूसरा गेम अधिक प्रतिस्पर्द्धी था क्योंकि साइना और शुएरूई के बीच शुरू में कड़ा मुकाबला देखने को मिला और एक समय स्कोर 5-5 था. इसके बाद भारतीय ने लगातार चार अंक बनाये और वह 9-5 से आगे हो गयी. साइना ने 12-8 तक चार अंक की बढ़त बनाये रखी लेकिन इसके बाद चीनी खिलाड़ी ने लगातार चार अंक बनाकर स्कोर 12-12 से बराबर कर दिया.

इसके बाद साइना पर थकान हावी हो गयी और शुएरूई को मैच जीतने में कोई परेशानी नहीं हुई. शुएरूई सेमीफाइनल में जापान की मिनात्सु मितानी से भिड़ेगी जिन्होंने कोरिया की पांचवीं वरीय जी ह्यून सुंग को 9-21, 21-18, 22-20 से हराया.



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