कुश्ती में 13 पदक जीतकर भारतीय पहलवानों ने मनवाया लोहा

Last Updated 01 Aug 2014 09:10:27 PM IST

सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त की अगुवाई में भारतीय पहलवानों ने अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करके 13 पदक जीते जिनमें पांच स्वर्ण शामिल है.


पहलवान सुशील कुमार अपना स्वर्ण पदक दिखाते हुए.

लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता सुशील (पुरूषों का 74 किलो फ्रीस्टाइल), योगेश्वर दत्त (पुरूष 65 किलो) ने अपने-अपने वर्ग में स्वर्ण जीता. वहीं अमित कुमार (57 किलो), विनेश फोगाट (महिला 48 किलो) और बबीता कुमारी (महिला 55 किलो) ने भी पीला तमगा अपने नाम किया.

पांच स्वर्ण के अलावा भारत ने छह रजत और दो कांस्य भी जीते. ग्लास्गो खेलों की कुश्ती स्पर्धा में भारतीय दल ने सबसे ज्यादा पदक अपने नाम किये हालांकि कनाडा (12 पदक) के हिस्से में सात स्वर्ण आये.

\"\"स्पर्धा के दूसरे दिन अगर चार भारतीय फाइनल में नहीं हारते तो स्वर्ण पदकों की संख्या अधिक होती. भारतीय पहलवानों ने पहले ही दिन सुशील की अगुवाई में स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाई. अमित और विनेश ने स्वर्ण पदकों की संख्या को आगे बढाया जबकि राजीव तोमर को 125 किलोवर्ग में रजत से संतोष करना पड़ा.

बीजिंग में कांस्य और लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले सुशील ने अपने रसूख के मुताबिक खेलते हुए चारों मुकाबले जीते. फाइनल में उन्होंने पाकिस्तान के कमर अब्बास को 5-0 से हराया. अमित ने नाइजीरिया के एबिकवेमिनोमो वेल्सन को फाइनल में 3-1 से शिकस्त दी.

महिलाओं के वर्ग में विनेश ने अपनी चुनौती अच्छी तरह से पेश की और फाइनल में इंग्लैंड की याना रैटिगन को एक कड़े मुकाबले में 11-8 से हराकर भारत को दिन का दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया. विनेश और याना दोनों ने पहले राउंड में एक दूसरे पर हावी होने की पूरी कोशिश की लेकिन भारतीय पहलवान ने 6-4 से खुद को आगे रखा.

दूसरे दौर में एक बार फिर से दोनों पहलवान ने अपने कौशल का अच्छा नमूना पेश किया. याना को स्थानीय दर्शकों का भरपूर समर्थन मिल रहा था लेकिन विनेश ने खुद पर दबाव नहीं बनने दिया. उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी को आगे निकलने का मौका नहीं दिया और दूसरा राउंड 5-4 से अपने नाम करके खिताब जीता. विनेश ने सेमीफाइनल में कनाडा की जैसमिन मियां को आसानी से शिकस्त दी थी.

\"\"दूसरे दिन भारत के चार पहलवान अपने अपने वर्ग में फाइनल में उतरे थे हालांकि कोई भी स्वर्ण नहीं जीत सका. उन्हें हालांकि चार रजत और एक कांस्य मिले. सत्यवत कादियान (97 किलो फ्रीस्टाइल), बजरंग (61 किलो), ललिता सहरावत (महिलाओं की 53 किलो) और साक्षी मलिक (महिलाओं की 58 किलो) ने रजत पदक जीते जबकि नवजोत कौर को महिलाओं के 69 किलो वर्ग में कांस्य हासिल हुआ.

सत्यवत पुरूषों के 97 किलोवर्ग में स्वर्ण के करीब पहुंचे लेकिन फाइनल खेलने वाले बाकी तीनों पहलवानों को एकतरफा हार झेलनी पड़ी.

तीसरे और आखिरी दिन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त और बबीता ने भारत के बेहतरीन प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखते हुए स्वर्ण पदक जीते जबकि गीतिका जाखड़ को रजत और पवन कुमार को कांस्य पदक मिला.

योगेश्वर ने पुरूषों की 65 किलो फ्रीस्टाइल स्पर्धा में पीला तमगा हासिल किया जबकि बबीता ने महिलाओं के 55 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीता. महिलाओं के 63 किलो वर्ग में गीजिका को हालांकि रजत से संतोष करना पड़ा जबकि पवन कुमार ने पुरूषों के 86 किलो वर्ग में कांसे का तमगा जीता.

दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय पहलवानों की झोली में 19 पदक गिरे थे जिनमें 10 स्वर्ण, पांच रजत और चार कांस्य थे.



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