पहली बार 2017 में भारत का रोबोट उतरेगा चांद पर
देश में पहली बार एक निजी अंतरिक्ष यान को अगले वर्ष एक रोबोट के साथ चंद्रमा पर भेजने की तैयारी है जो चांद की सतह पर उतरकर वहां की तस्वीरें भेजेगा.
(फाइल फोटो) |
अंतरिक्ष क्षेत्र की एकमत्रा ‘स्टार्ट अप कंपनी’ ने पहली बार एक रोबोट तैयार किया है जो चांद की सतह पर उतर कर 500 मीटर तक की दूरी तय करेगा और उच्च क्षमता वाली तस्वीरें धरती पर भेजेगा.
संयुक्त राष्ट्र के 71वें स्थापना दिवस पर सोमवार को यहां आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए ‘टीमइंडस कंपनी’ के एक अधिकारी ने बताया कि रोबोट को चांद पर उतारने के लिए कंपनी खास यान भी बना रही है.
रोबोट में लगने वाले उच्च क्षमता वाले कैमरे के लिए कंपनी ने फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी ‘सीएनइस’ के साथ करार किया है. अधिकारी ने बताया कि रोबोट को दिसम्बर 2017 तक चांद पर भेजने का लक्ष्य रखा गया है.
यान के निर्माण पर करीब सात करोड़ डॉलर का खर्च आने का अनुमान है. यान को ‘पीएसएलवी’ से प्रक्षेपित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ करार के लिए बातचीत चल रही है.
यान के निर्माण के लिए ‘टीम इंड्स’ तीन करोड़ डॉलर के गूगल ‘लूनर एक्सप्राइज’ हासिल करने के लिए होड़ में शामिल है.
यान के डिजायन एवं विकास में इस्तेमाल होने वाली तकनीक को 2014 में दस लाख डॉलर का ‘गूगल एक्सप्रेस’ पुरस्कार मिल चुका है.
इसरो के करीब 25 सेवानिवृत्त वैज्ञानिक ‘टीम इंड्स’ का हिस्सा है. करीब 85 इंजीनियर मिशन रोवर को सफल बनाने के लिए रात-दिन जुटे हुए हैं.
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