‘मंगल के भूकंप’ से पैदा हो सकती है जीवन के लिए पर्याप्त हाइड्रोजन

Last Updated 21 Sep 2016 12:56:44 PM IST

एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि भूकंप के दौरान चट्टानों के आपस में घषर्ण के कारण बनी नई चट्टानों में हाइड्रोजन पर्याप्त मात्रा में होती है. मंगल पर इस तरह की भूकंपीय गतिविधि जीवन के लिए जरूरी पर्याप्त हाइड्रोजन का निर्माण कर सकती है.


मंगल पर भूकंप से हो सकता है जीवन के लिए हाइड्रोजन

शोधकर्ताओं ने स्कॉटलैंड के तट पर आउटर हेब्राइड्स की सक्रि य ‘फॉल्ट लाइनों’ के आसपास बनी चट्टानी संरचनाओं का अध्ययन किया था. इन शोधकर्ताओं में अमेरिका के येल विश्वद्यालय के शोधकर्ता भी शामिल थे.
  
इस अध्ययन के पहले लेखक और येल के भूविज्ञानी सीन मैकमोहन ने कहा, ‘पिछले अध्ययन से यह पता चला था कि जब भूकंप के दौरान चट्टानें आपस में टकराकर टूटती हैं, तो हाइड्रोजन पैदा होती है. हमारा आकलन कहता है कि सक्रिय फॉल्ट लाइनों के आसपास सूक्ष्म जीवों के विकास के लिए पर्याप्त हाइड्रोजन होती है.’
  
इंसान और अन्य जानवर अपनी ऊर्जा मुख्यत: ऑक्सीजन और शर्करा के बीच की क्रिया से लेते हैं, वहीं बैक्टीरिया ऊर्जा लेने के लिए विभिन्न वैकल्पिक क्रियाओं का इस्तेमाल करते हैं.


  
उदाहरण के लिए हाइड्रोजन के ऑक्सीकरण से धरती के भीतर रहने वाले बैक्टीरिया के लिए पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है.
  
मैक मोहन ने कहा, ‘मंगल भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं है लेकिन हमारा अध्ययन दिखाता है कि ‘मंगल पर आने वाले भूकंपों’ से सूक्ष्मजीवों की छोटी जनसंख्या के लिए एक छोटी अवधि के लिए पर्याप्त मात्रा में हाइड्रोजन पैदा हो सकती है.’
  
उन्होंने कहा, ‘यह मंगल की उपसतह पर जीवन संबंधी तस्वीर का एक पहलू है. वहां जीवन के लिए ऊर्जा के अन्य सोत भी उपलब्ध हो सकते हैं.’ यह शोधपत्र एस्ट्रोबायोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
 



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