पाँच साल में 70 उपग्रह छोड़ने की जरूरत: ISRO
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार ने कहा कि अगले पाँच साल तक करीब 70 और उपग्रह छोड़ने की जरूरत है.
(फाइल फोटो) |
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी34 से एक साथ रिकॉर्ड 20 उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद डॉ किरन कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि वर्तमान में भारत के 34 उपग्रह अंतरिक्ष में विभिन्न कक्षाओं में हैं.
इनमें संचार, भू-सव्रेक्षण, नेविगेशन तथा अन्य उपग्रह शामिल हैं. अगले पाँच साल में अनुमानत: करीब 70 उपग्रह छोड़ने की जरूरत है.
उन्होंने यह भी कहा कि इसरो वैश्विक रुख के अनुरूप भू-सव्रेक्षण उपग्रहों का आकार कम करने का प्रयास कर रहा है.
उन्होंने कहा हालाँकि, हम निजी कंपनियों की रणनीति नहीं अपना सकते क्योंकि हमारी सरकारी जरूरतों के लिए कुछ न्यूनतम आवश्यकताएँ हैं.
अगले मिशन के बारे में पूछे जाने पर इसरो अध्यक्ष ने कहा कि ओशनसैट-3 के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है. इस उपग्रह का इस्तेमाल मौसम की भविष्यवाणी, चक्रवातों के पूर्वानुमान और ट्रैकिंग सेवाओं के लिए किया जायेगा.
इसका निर्माण गुजरात के अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लिकेशन सेंटर द्वारा किया जा रहा है. इसका प्रक्षेपण भी पीएसएलवी प्रक्षेपण यान से ही किया जायेगा.
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