अंतरिक्ष में हवा भर कर बनाया कमरा
आने वाले दशकों में चांद या मंगल पर बसेरा बनाने की कोशिशों के तहत अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हवा से फैला कर कमरा तैयार करने में सफलता पाई.
(फाइल फोटो) |
वाशिंगटन से मिली जानकारी के अनुसार अंतरिक्षयात्री जेफ विलियम्स ने वाल्व का इस्तेमाल कर पॉड की परत में हवा भरी और उसे फैलाया और कमरा बनाया. इसे बिगेलो इक्सपैंडेबल ऐक्टिविटी मॉड्यूल (बीम) का नाम दिया गया है.
पॉड फुलाने का काम पूरा होने पर विलियम्स ने बीम के अंदर आठ हवा के टैंक खोले और उसका दाब स्तर 14.7 पीएसआई के करीब लाया.
नासा के प्रवक्ता डैनियल हुओट ने बताया, ‘मॉड्यूल पूरी तरह से फैलाया हुआ और पूरी तरह दाबित है.’ नासा ने कहा कि अब अंतरिक्षयात्री ढेर सारी परीक्षण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं इससे हवा का रिसाव नहीं हो. वे तकरीबन एक हफ्ते में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र के ‘ट्रांक्विलिटी मॉड्यूल’ से पहली इसमें प्रवेश करने से पहले ढेर सारी अन्य तैयारियां भी करेंगे.
विशेषज्ञों का कहना है कि फैलाने की प्रक्रि या को खोलना भी कहा जा सकता है क्योंकि बीम को पूर्ण आकार में लाने के लिए महज 0.4 पीएसआई की जरूरत पड़ती है.
भविष्य में अंतरिक्षयात्रियों को चांद या मंगल ग्रह पर रहने के लिए इसी तरह के आवासों की जरूरत पड़ सकती है.
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