ग्रीनलैंड की बर्फ की परत को तेजी से पिघला रहे हैं बादल

Last Updated 13 Jan 2016 03:00:02 PM IST

आकाश में छाए बादलों के कारण ग्रीनलैंड की बर्फ की परत का तापमान दो से तीन डिग्री बढ़ रहा है जिस कारण इसका 30 प्रतिशत हिस्सा पिघल रहा है.


फाइल फोटो

एक नए अध्ययन में शोधार्थियों ने पाया कि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी बर्फ की चादर को पिघलाने में बादल पहले की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इस चादर के पिघलने वैश्विक समुद्रस्तर में लगभग एक तिहाई का इजाफा हो सकता है.
   
अमेरिका में युनिवर्सिटी ऑफ विस्कोंसिन-मेडिसन के ट्रिस्टैन लेएक्युअर ने बताया, ‘अगले 80 सालों में हम विभर में समुद्रस्तर में बढ़ोत्तरी के एक नए चरण से हमें जूझना होगा.’
   
बेल्जियम में युनिवर्सिटी ऑफ लियुवेन के क्रि स्तॉफ वान त्रिख्त ने बताया, ‘जलवायु परिवर्तन की बात पहले से हमारे दिमाग में है और समुद्र स्तर बढ़ने के विनाशकारी परिणाम देखने होंगे. हमें जरूरत है कि हम इन प्रक्रियाओं को समझें और भविष्य के लिए बेहतर कार्ययोजनाएं बनाएं. जैसा हम सोचते हैं बादल इस प्रक्रि या के लिए उससे अधिक महत्वपूर्ण हो सकते हैं.’

शोधार्थियों ने बताया कि ऊष्मा के लिए बादल दो तरह से कार्य करते हैं. एक तो वह धरती के ऊपर एक चादर बनाकर सूर्य की गर्मी को धरती तक आने से रोकते हैं वहीं ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से पैदा होने वाली ऊर्जा को धरती पर ही बांधे रखते हैं जिस कारण धरती पर ग्रीनहाउस गैसों का प्रभाव बना रहता है.
   
ग्रीनलैंड में यही बादल धरती की ऊष्मा को बाहर जाने से रोकते हैं और इसका प्रभाव यहां दिखाई देता है.
   
शोधार्थियों ने इस अध्ययन के लिए दो उपग्रह क्लाउडसैट और कैलिप्सो से मिले आंकड़ों का प्रयोग किया. यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशन्स नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
 



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