3 डी प्रिंटर से हृदय धमनियां विकसित

Last Updated 27 Oct 2015 03:08:17 PM IST

शोधकर्ताओं ने 3 डी प्रिंटिंग तकनीक से हृदय का मॉडल और उसकी धमनियां जैविक पदार्थो से विकसित की हैं.


3 डी प्रिंटर से हृदय धमनियां विकसित

शोधकर्ताओं के अनुमान के अनुसार एक दिन यह तकनीक शरीर के विभिन्न अंगों के ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपण) का स्थान ले लेगी, कान्रेगी मेलन यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर एडम फीनबर्ग ने कहा, हमने एमआरआई की मदद से हृदय की धमनियों के चित्र लिए थे और फिर 3 डी प्रिंटर की मदद से धमनियां बनाई. 

धमनियां बनाने के लिए शरीर के विभिन्न मुलायम अवयवों का इस्तेमाल किया गया, इसके तहत शरीर के विभिन्न जोड़ों के बीच में पाए जाने वाले खास प्रोटीन ‘कोलेगन’ एसिड, ‘एलिगनेट्स’ और खून का थक्का जमने के दौरान पाए जाने वाले ‘फिबरिन’ जैसे मुलायम पदार्थो से धमनियां विकसित की गई. 
 
कान्रेजी मेलंस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के डीन जिम गैरेट ने कहा ‘हमें उम्मीद करनी चाहिए कि 3 डी बायोप्रिंटिंग का बड़ी संख्या में चिकित्सा में प्रयोग किया जाए.’ 
 
परंपरागत 3 डी प्रिंटर से प्लास्टिक या अन्य पदार्थ से कठोर मॉडल वनते हैं और इसमें ठोस पदार्थो की एक के ऊपर एक परत बनाई जाती है.
 
प्रोफेसर फीनबर्ग के अनुसार मुलायम पदार्थो से हृदय का 3 डी प्रिंट बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य था, यह कुछ इस तरह से था कि जैसे खाने के एक पदार्थ के ऊपर एक के बाद एक पदार्थ रखे जाएं, ऐसे में सबसे नीचे रखी परत नष्ट हो जाती है. 
 
लिहाजा गाढ़े तरल पदार्थ की मदद से हृदय का 3 डी प्रिंट विकसित किया गया, ऐसे में गाढ़े तरल पदार्थ की एक परत प्रिंट की गई और फिर उसके ऊपर दूसरी परत विकसित की गई, इस तरह परत दर परत बनाकर हृदय व धमनियां विकसित की गई.
 
 



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