रविवार को पड़ेगा दुर्लभ ‘सुपरमून’ चंद्र ग्रहण
अमेरिका में रविवार रात को उस समय आकाश में दुर्लभ खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा जब ‘सुपर मून’ के साथ साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ेगा.
दुर्लभ ‘सुपरमून’ चंद्र ग्रहण (फाइल फोटो) |
प्राचीन किंवदंती के अनुसार इस ‘सुपर ब्लड मून’ को संभावित प्रलय का अशुभ संकेत माना जाता है.
इससे पहले ‘सुपर मून’ के साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण 33 वर्ष पूर्व पड़ा था और पिछले 115 वर्षों में ऐसा मात्र पांच बार हुआ है.
‘सुपर ब्लड मून’ केवल तभी देखने को मिलता है जब चंद्र ग्रहण हो और जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के निकटतम बिंदु पर हो.
चंद्रमा जैसे ही पृथ्वी के ठीक पीछे इसकी छाया में आ जाता है तो उसका रंग गहरा लाल हो जाता है क्योंकि उस तक केवल पृथ्वी के वायुमंडल से अपवर्तित होकर ही सूर्य की रोशनी पहुंच पाती हैं.
सुपरमून का अर्थ है कि इस दिन चंद्रमा अपने सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा दिखाई देता है क्योंकि यह पृथ्वी से अपेक्षाकृत अधिक नजदीक होता है.
नासा के वैज्ञानिक नोआह पेट्रो ने एक बयान में कहा, ‘चंद्रमा की कक्षा पूरी तरह गोल नहीं है, इसलिए चंद्रमा कभी कभी अपनी कक्षा में चक्कर लगाते समय अपेक्षाकृत पृथ्वी के अधिक नजदीक होता है.’
उन्होंने कहा, ‘चंद्रमा के आकार में कोई बदलाव नहीं होता है. यह केवल आकाश में थोड़ा बड़ा दिखाई देता है.’
नासा ने कहा, ‘यह सामान्य से 14 प्रतिशत बड़ा दिखाई देता है. इस बार असामान्य बात यह है कि सुपरमून के साथ साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है. इस प्रकार की घटनाएं 1900 के बाद से केवल पांच बार (1910, 1928, 1946, 1964 और 1982 में) हुई हैं.’
पूर्ण चंद्र ग्रहण रविवार रात को 10 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगा और एक घंटा 12 मिनट तक रहेगा.
नासा ने बताया पूर्ण चंद्र ग्रहण को उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और पश्चिम एशिया एवं पूर्वी प्रशांत के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा.
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