स्पेस यात्रियों के वेस्ट को भोजन में बदलना चाहता है नासा
नासा के शोधकर्ताओं को मनुष्य के मल का पुनर्चक्रण कर उसे पुन: भोजन में बदलने के तरीके की खोज के लिए वित्तीय सहायता दी है.
फाइल फोटो |
इसी कार्यक्रम के तहत नासा के शोधकर्ताओं को मनुष्य के मल का पुनर्चक्रण कर उसे पुन: भोजन में बदलने के तरीके की खोज के लिए वित्तीय सहायता दी है.
इस खोज के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह सहित अन्य महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अभियानों में अधिक समय तक बने रहने में मदद मिलेगी. नासा ने कहा कि दक्षिण कैरोलीना में ‘क्लेमसन यूनिर्वसटिी’ के शोधकर्ताओं को इस खोज के लिए तीन साल तक प्रतिवर्ष 2,00,000 डॉलर दिए जाएंगे.
क्वार्ट्ज की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘क्लेमसन यूनिर्वसटिी’ में प्रोफेसर मार्क ब्लेनर ने कहा, ‘खमीर के एक विशेष हिस्से को आनुवंशिक रूप से पॉलिमर या प्लास्टिक बनाया जा सकता है.
जो 3डी प्रिंटिंग के साथ-साथ ओमेगा 3एस के लिए इस्तेमाल हो पाएगा. यह हृदय रोग के जोखिम को कम करेगा तथा बालों और त्वचा की रक्षा कर सकेगा. खमीर को बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन की जरूरत होती है जो मनुष्य के मूत्र में प्रचुर मात्रा में होती है.’ नासा ने कहा, ‘यह अनुदान पूरे अमेरिका के विश्वविद्यालयों को दिए गए अनुदानों में से आठवां है.
यह अमेरिका के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए उच्च प्राथमिक जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य से प्रगतिशील, प्रारंभिक चरण प्रोद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. किसी भी जीवन रक्षक प्रणाली के लिए पौधे एक अभिन्न हिस्सा होते हैं. मंगल ग्रह या क्षुद्र ग्रह पर यात्रा करने जैसे अभियानों को ध्यान में रखकर चल रही अंतरिक्ष एजेंसी के लिए अंतरिक्ष खेती आवश्यकता हो गई है.
नासा साल 2030 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजने की योजना बना रहा है. इसी के तहत लंबी अवधि के अंतरिक्ष अभियान पर अंतरिक्ष यात्रियों को आत्मनिर्भर बनाने के तरीकों के लिए खोजे जाने वाले विचारों में निवेश कर रहा है.
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