पैंक्रियाटिक कैंसर का जल्द पता लग पाएगा

Last Updated 06 Aug 2015 03:05:20 PM IST

इंग्लैंड और स्पेन के वैज्ञानिकों ने कम खर्च वाला टेस्ट विकसित किया है जिससे पैंक्रयाटिक कैंसर का पता शुरुआती चरण में ही लग सकेगा.


पैंक्रियाटिक कैंसर का जल्द पता लग सकेगा

वैज्ञानिक इसे एक महत्त्वपूर्ण और उत्साहित करने वाला कदम मान रहे हैं, पैंक्रियाटिक कैंसर यानी अग्न्याशय के कैंसर में रोगी के बचने की काफी कम संभावना देखी जाती है, इस टेस्ट में पेशाब में तीन प्रोटीन की जांच की जाती है, अब तक इस टेस्ट के 90 फीसद नतीजे सही पाए गए हैं. 

लंदन के बार्ट्स कैंसर सेन्टर के प्रोफेसर निक लेमोइन ने संयुक्त रूप से इस टेस्ट पर रिपोर्ट लिखी है, प्रोफेसर निक लेमोइन ने बताया कि हम चाहते हैं कि ऐसे अवसर हों कि शुरूआती चरण में ही कैंसर का पता लगाया जा सके, इन तीन प्रोटीन के निशान केवल उन रोगियों के पेशाब में मिलते हैं जिन्हें अग्न्याशय का कैंसर है. 
 
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अग्न्याशय के कैंसर से आश्चर्यजनक रूप से बचने वालों की जो संख्या है वह बढ़े, वर्तमान स्थिति यह है कि काफी कम रोगियों की सर्जरी हो पाती है और बहुत कम लोग स्वस्थ हो पाते हैं. 
 
एलिसन स्टंट को आठ साल पहले पता चला कि उन्हें पैंक्रियाटिक कैंसर है और वे उन चंद लोगों में से हैं जो बच पाई हैं, एलिसन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कई अन्य लोग नए टेस्ट की वजह से इस जानलेवा कैंसर से बच पाएंगे.
     



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