प्रकाश से भी तेज यात्रा करेगा ‘वार्प ड्राइव इंजन’ चार घंटे में चांद पर
Last Updated 14 May 2015 09:39:49 PM IST
प्रकाश से भी तेज यात्रा करने वाले ‘वार्प ड्राइव इंजन’ से चार घंटे में चांद पर और 70 दिनों में मंगल ग्रह पर पहुंचा जा सकता है.
‘वार्प ड्राइव इंजन’ से महज चार घंटे में चांद पर |
ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने के लिए कई देशों ने अपने-अपने अंतरिक्षयान भेजे हैं, लेकिन इनकी गति की एक सीमा है. इस कारण इसके अपेक्षित नतीजे के लिए लंबा इंतजार करना होता है, परंतु ‘नासा’ ने ‘वार्प ड्राइव’ नामक एक ऐसी इंजन तकनीक विकसित की है, जिसके जरिये भविष्य में अंतरिक्ष यान महज चार घंटे में चांद पर और महज 70 दिनों में मंगल ग्रह पर पहुंच जायेगा.
‘नासा’ के वैज्ञानिकों ने हाल ही में कहा है कि उन्होंने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रॉपल्शन ड्राइव (इएम ड्राइव) सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, यह एक ऐसा डिवाइस है जो वार्प ड्राइव के कॉन्सेप्ट पर काम करता है, और इसमें प्रकाश की गति से भी ज्यादा तेजी से ट्रैवल करने की क्षमता होती है, वैज्ञानिकों ने उम्मीद जतायी है कि इस क्रांतिकारी आविष्कार से इंसान प्रकाश की गति से भी ज्यादा तेजी से अंतरिक्ष की यात्रा कर पायेगा. हालांकि अभी इस तकनीक का केवल परीक्षण ही किया गया है, लेकिन भविष्य में इसके माध्यम से न
केवल हमारी आकाशगंगा में मौजूद ग्रहों, बल्कि इससे इतर ग्रहों पर भी अंतरिक्षयान को भेजने में सफलता मिल सकती है.
नासा इगलवर्क इंजीनियर पॉल मार्च के हवाले से ‘टेक टाइम्स’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने हार्ड वैक्यूम में इएम ड्राइव का परीक्षण किया है, बिना स्टैंडर्ड फ्यूल का इस्तेमाल किये हुए इलेक्ट्रिकल एनर्जी को थ्रस्ट में तब्दील करके इस ड्राइव को संचालित किया गया था, इएम ड्राइव विकसित करने वालों ने ऊर्जा हासिल करने के लिए इसमें सोलर एनर्जी का उपयोग किया.
अन्य ग्रहों पर अंतरिक्षयान भेजने के मिशन के तहत नासा के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि मंगल मिशन के लिए भविष्य में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा, इसके लिए 0.4 न्यूटन प्रति किलोवाट के थ्रस्ट/ पावर इनपुट वाले इएम ड्राइव से युक्त 2 मेगावॉट न्यूक्लियर इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जा सकेगा, इस डिजाइन से बनाये गये यान से मंगल तक महज 70 दिनों में पहुंचा जा सकता है.
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