'डार्क मैटर' की तलाश में लार्ज हैड्रोन कोलाइडर
दुनिया की सबसे बड़ी और सर्वाधिक शक्तिशाली ‘पार्टिकल एक्सीलेरेटर’ ‘लार्ज हैड्रोन कोलाइडर’ महाप्रयोग शुरू कर दिया है
लार्ज हैड्रोन कोलाइडर फिर हुआ चालू (फाइल फोटो) |
दुनिया की सबसे बड़ी और सर्वाधिक शक्तिशाली ‘पार्टिकल एक्सीलेरेटर’ ‘लार्ज हैड्रोन कोलाइडर’ (एलएचसी) ने दो साल बंद रहने और अपने उन्नयन के बाद फिर से महाप्रयोग शुरू कर दिया है. अब यह दोगुनी शक्ति के साथ ‘डार्क मैटर’ का पता लगाएगा. सीईआरएन (सर्न) ने बताया कि एलएचसी के अंदर साल 2013 के बाद पहली बार रविवार को एक प्रोटॉन बीम करीब 27 किलोमीटर लंबी सुरंग में वापस आया, जिसके बाद दूसरी बीम विपरीत दिशा में घूम रही है.
सर्न के बीम विभाग के प्रमुख पॉल कोलियर ने बताया ‘एलएचसी में बीमों की वापसी काफी सघन है, जो लोगों की कई टीमों की कड़ी मेहनत का फल है.’ उन्होंने बताया कि हमारे ऑपरेटरों का फिर से महाप्रयोग के लिए उतरना संतोष प्रदान करने वाला है.
‘पार्टिकल बीम’ जल्द ही दोनों दिशाओं में समानांतर पाइपों में बढ़ेंगी, जिसकी गति प्रकाश की गति से कुछ कम होगी. वास्तविक टक्कर कम से कम एक और महीने तक शुरू नहीं होगी लेकिन यह प्रथम चरण के दौरान किए गए प्रयोग के दौरान हासिल की गई एलएचसी की शक्ति से करीब दोगुनी ताकत से होगी.
बीम मूल कार्यक्रम की बजाय एक हफ्ता या इससे अधिक देर से पहुंची. कुछ इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी के चलते ऐसा हुआ, जिसे दुरुस्त किया जा चुका है. प्रोटोन को अपेक्षाकृत कम ऊर्जा के साथ लगाया गया है. हालांकि, इंजीनियरों को बीम की ऊर्जा क्रमश: 13 हजार अरब इलेक्ट्रोनवोल्ट्स करने की उम्मीद है, जो एलएचसी के प्रथम चरण की तुलना में दोगुनी होगी.
बीबीसी की खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों को ‘नई भौतिकी’ की झलक मिलने की आशा है. स्टैंर्डड मॉडल से आगे की चीजों से ब्रहांड की कई गुत्थियां सुलझ सकेंगी. इनमें ‘डार्क एनर्जी’ और ‘डार्क मैटर’ शामिल हैं.
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