कपड़े, ज्वैलरी, फर्नीचर के बाद अब मिलेगा डिजाइनर बच्चा!

Last Updated 02 Apr 2015 07:50:04 PM IST

वैज्ञानिक अगर सफल रहे तो इंसान जैसा बच्चा चाहेगा, पैदा होने वाला बच्चा वैसा ही होगा यानि डिजाइनर बच्चा.


अब मिलेगा डिजाइनर बच्चा

आम बोलचाल में कहते हैं कि ईश्वर की सत्ता को आज तक न तो कोई चुनौती दे सका है और न कभी दे सकता है, लेकिन अमरीकी वैज्ञानिकों ने एक ऎसे प्रयोग की दिशा में शुरूआती सफलता के साथ कदम बढ़ा दिए हैं, जिसे आलोचकों ने न सिर्फ ईश्वर को चुनौती देने वाला, बल्कि नैतिक रूप से भी अस्वीकार्य बताया है. 

जी हां, वैज्ञानिकों के एक दल ने अजन्मे बच्चे यानी गर्भ में पल रहे भ्रूण के डीएनए को संवर्घित करने में सफलता पाई है, इसका मतलब यह है कि अगर यह प्रयोग अपने अंतिम चरणों तक पूरी तरह सफल रहा, तो इंसान जैसा बच्चा चाहेगा, पैदा होने वाला बच्चा वैसा ही होगा, बिलकुल डिजाइनर कपड़े, बर्तन, फर्नीचर और घर की तरह... डिजाइनर बच्चा.
 
एक रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रयोग मैसाच्युसेट्स में कैंब्रिज स्थित हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने किया है, माना जा रहा है कि प्रयोग एक ऎसी महिला की भ्रूण कोशिकाओं को लेकर किया गया, जिसे जन्मजात गर्भाशय कैंसर था, प्रयोग का मकसद यह पता लगाना था कि इसके डीएनए को संवर्घित कर बीमारी-मुक्त आईवीएफ भ्रूण का निर्माण किया जा सकता है या नहीं. 
 
प्रयोग में क्रिस्पर जीन-एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया, हार्वर्ड में जीन विज्ञान के विश्लेषक प्रो. जॉर्ज चर्च ने कहा कि यह एक बुनियादी विज्ञान है, जिसका उपयोग हम बरसों से कर रहे हैं, लेकिन जीन पर परीक्षण करने और नतीजों का मानव शरीर पर प्रयोग करने में बड़ा फर्क है, यह प्रयोग भी जीन पर किया गया था, मानव शरीर पर नहीं.
 
हकीकत यह है कि अगर यह प्रयोग इंसानों पर आजमाया गया और सफल रहा, तो आनुवंशिक बीमारियों का नामोनिशान मिट जाएगा, इससे मानवता के विकास को एक नया आयाम जरूर मिलेगा, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि नैतिक रूप से अस्वीकार्य है, इसकी वजह यह है कि अगर लोग मजबूरी में नहीं बल्कि इच्छा से जीन में संवर्घन चाहने लगें, तो पैदा होने वाला बच्चा इंसान की जगह शैतान भी हो सकता है. 
 



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