बृहस्पति ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर मिला भूमिगत समंदर
बृहस्पति ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर एक भूमिगत समंदर है. इसके कारण जीवन के लिए उपयुक्त माहौल होने की उम्मीद जगी है.
बृहस्पति के चंद्रमा पर जीवन संभव (फाइल फोटो) |
नासा की हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने इस ग्रह के सबसे बड़े चांद गैनीमेडे की बर्फीली सतह के नीचे खारे पानी के सागर की मौजूदगी का पता लगाया है. इस खोज से ब्रह्मांड में पृथ्वी के बाहर भी जीवन के लिए उपयुक्त माहौल की उम्मीद जगी है.
इस अध्ययन को जर्मनी की कोलोन यूनिवर्सिटी के योआखिम जाउर के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के एक दल ने अंजाम दिया है. वैज्ञानिकों ने हबल दूरबीन से इस चांद की सतह पर ऑरोरे देखा. इसका अध्ययन करने पर इसके नीचे पानी मौजूद होने के संकेत मिले.
वैज्ञानिकों का मानना है कि गैनीमेडे के भूमिगत सागर में धरती से भी ज्यादा पानी है. माना जा रहा है कि यह धरती के समुद्रों से 10 गुना ज्यादा गहरा और 150 किमी मोटी बर्फीली सतह के नीचे दबा है. हालांकि गैनीमेडे के समुद्र के तापमान या गहराई के बारे में अभी जानकारी नहीं है.
हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा चांद है गैनीमेडे. यह एकमात्र ऐसा चांद है जिसका अपना चुंबकीय क्षेत्र है. इसके कारण इस पर ऑरोरे दिखाई देते हैं. ऑरोरे "जगमगाते, गर्म इलेक्ट्रिफाइड गैसों के फीते" जैसा होता है जो चंद्रमा के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर दिखाई देता है.
गैनीमेडे बृहस्पति के काफी करीब है. इसके कारण जब बृहस्पति के चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव होता है तो गैनीमेडे के ऑरोरे में भी बदलाव आ जाता है.
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