भारतीय ने छोटे ऑप्टिकल ऐंटीना का आविष्कार किया
ऑस्ट्रेलिया में एक भारतीय समेत तीन अनुसंधानकर्ताओं ने छोटे ऑप्टिकल ऐंटीना का आविष्कार किया.
अनुसंधानकर्ताओं ने छोटे ऑप्टिकल ऐंटीना का आविष्कार किया. |
यह ऑप्टिकल ऐंटीना भविष्य में खाद्य स्वच्छता और वायु प्रदूषकों का पता लगा सकता है और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के उपचार में मदद कर सकता है.
‘मोनाश विश्वविद्यालय’ में पीएचडी के छात्र देववत सिकदर और प्रोफेसर वेंगलोंग चेंग एवं मेलिन प्रेमारत्ने ने इस नए घनाकार ऐंटीना को विकसित किया है.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि नए डिजाइन के ऐंटीना ने प्रकाश की बेहद छोटी किरण को निर्देशित स्थान पर ले जाने में पहले बने गोलाकार ऐंटीना की तुलना में बेहतर काम किया. सिकदर ने कहा, ‘इन्हें गोलाकार ऐंटीना में इस्तेमाल होने वाली चालक या अर्धचालक सामग्री के बजाए रोधक सामग्री से तैयार किया गया है. इन्हें बनाना अधिक आसान है और यह अधिक प्रभावी भी हैं.’
उन्होंने कहा, ‘घनाकार ऐंटीना दिशा और किरण की चौड़ाई पर पूरे नियंत्रण के साथ प्रकाश को केंद्रित करता है।’ ‘एक दिशा में काम करने वाले ये नैनो ऐंटीना समेकित प्रकाशिकी आधारित बॉयोसेंसर के लिए सबसे उपयुक्त हैं जिससे प्रोटीन, डीएनएन, प्रतिरक्षकों, एंजाइमों आदि का पता लगाया जाता है.’
Tweet |