दूरसंचार में बाधक है धरती का वायुमंडल

Last Updated 03 Mar 2015 09:41:55 PM IST

पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में जीपीएस उपग्रहों और संचार उपकरणों के बीच सिग्नल बाधित हो सकते हैं विशेष रूप से अधिक ऊंचाई पर.


दूरसंचार में बाधक है धरती का वायुमंडल

एक नए शोध में यह जानकारी सामने आई है, इस शोध के तहत अनेक प्रयोग किए गए, उदाहरण के लिए, उत्तरी ध्रुव के ऊपर उड़ रहा विमान जमीन से सशक्त संचार के जरिए जुड़ा रहता है, कैलिफोर्निया में नासा के जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (जेपीएल) के एंथनी मैनुकी के मुताबिक, यदि इन सिग्नलों से विमान का संपर्क टूट गया तो उन्हें उड़ान का मार्ग बदलने की जरूरत पड़ेगी. 

कनाडा में ‘न्यू ब्रूंसविक विविद्यालय’ के सहयोग में जेपीएल के अनुसंधानकर्ता आयनमंडल में अनियमितताओं पर शोध कर रहे हैं, यह आयनमंडल प्लाज्मा नामक आवेशित कणों का एक आवरण है, जो भूतल से लगभग 350 किमी ऊपर है. 
 
रेडियो दूरबीन का भी आयनमंडल से संपर्क टूट सकता है, इन प्रभावों को जानने से खगोल विज्ञान के मापन को अधिक सटीक तरीके से समझा जा सकता है. 
 
प्रमुख शोध लेखक एसायस श्यूम ने कहा, हम पृथ्वी के निकट प्लाज्मा का अन्वेषण करना चाहते हैं और यह पता लगाना चाहते हैं कि जीपीएस द्वारा प्रसारित नेविगेशन संकेतकों के हस्तक्षेप के लिए कितने प्लाज्मा अवरोधकों की जरूरत है. 
 
प्लाज्मा में अनियमितताओं के आकार से शोधकर्ताओं को इसके कारण के बारे में संकेत मिलेंगे, जिससे इनके कब और कहां घटित होने की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है, इस शोध को ‘जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स’ में प्रकाशित किया गया.



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