देश के चौथे नेविगेशन उपग्रह का 9 मार्च को प्रक्षेपण

Last Updated 02 Mar 2015 06:51:57 PM IST

स्वदेशी क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के चौथे उपग्रह आईआरएनएसएस-1 डी का प्रक्षेपण 9 मार्च को होगा.




नेविगेशन उपग्रह का 9 को प्रक्षेपण (फाइल फोटो)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने इसी वर्षउपग्रह नेविगेशन प्रणाली को सक्रिय करने का लक्ष्य रखा है, जो अमेरिका की जीपीएस प्रणाली की तरह ही काम करेगा.

इसरो अधिकारी ने बताया कि पूरी प्रणाली को हासिल करने के लिए नौ उपग्रह छोड़े जाना है. इसमें सात उपग्रह कक्षा में और शेष दो उपग्रह स्टैंड बाई के रूप में रखे जाएंगे. नेविगेशन प्रणाली को चार उपग्रहों के साथ परिचालन किया जा सकता है. हर उपग्रह पर 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे और पीएसएलवी-एक्सएल वर्सन रॉकेट की कीमत करीब 130 करोड़ रुपए है.

परिव्यय में शामिल सात रॉकेटों में 910 करोड़ रुपए खर्च अनुमानित है. आईआरएनएसएस-1डी का प्रक्षेपण इसरो अपने विश्वसनीय ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी-27 से श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से करेगा.

आईआरएनएसएस-1डी नेविगेशन प्रणाली के तहत प्रक्षेपित किए जाने वाले सात उपग्रहों की श्रृंखला का चौथा उपग्रह है. अभी तक इस श्रृंखला के तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण जुलाई 2013, अप्रैल 2014 और अक्टूबर 2014 में किया जा चुका है. इसमें चार उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए जाने के पश्चात प्रणाली को सक्रिय किया जा सकता है लेकिन सभी सातों उपग्रहों के संचालित होने के बाद यह प्रणाली ज्यादा सटीक और कारगर बन जाएगी.



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