नई एंटीबायोटिक दवाओं का आया ‘खोज इंजन’

Last Updated 20 Jan 2015 06:38:09 PM IST

रूस ने नयी एंटीबायोटिक दवाओं की खोज की एक ऑटोमैटिक प्रणाली विकसित की है.


एंटीबायोटिक ‘खोज इंजन’ (फाइल फोटो)

प्रस्तावित प्रौद्योगिकी चिकित्सा क्षेत्र की वर्तमान की एक बड़ी समस्या यानी दवाओं के प्रति बैक्टेरिया के बढ़ते प्रतिरोध को हल करने में सहायक होगी.

आजकल नई एंटीबायोटिक दवाएँ बहुत कम आ रही हैं, लेकिन मौजूदा दवाओं के प्रति अधिकाधिक बैक्टेरिया आदी होते जा रहे हैं. इस प्रकार का असंतुलन मानवजाति को नए बैक्टेरिया संक्रमण की गिरफ्त में खींचता जा रहा है.

इस चुनौती का जवाब मॉस्को राजकीय विश्वविद्यालय के रसायनविद तलाश रहे हैं और उन्होंने एंटीबायोटिक दवाओं की तलाश की एक रोबोट प्रणाली प्रस्तुत की है. भविष्य में यह प्रणाली अगली पीढी की नई दवाएं बना सकेगी.

आमतौर पर नई एंटीबायोटिक दवा की खोज उम्मीदवार पदार्थ की जीवाणुरोधी गतिविधि की जांच से शुरू होती है. अगर उम्मीदवार पदार्थ जीवाणु पर विजयी रहता है तो वैज्ञानिक इस पदार्थ की कार्य-प्रणाली का अध्ययन शुरू करते हैं.

मॉस्को राजकीय विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एंटीबायोटिक दवाओं के तलाश की एक अधिक बहुमुखी और सुविधाजनक योजना विकसित की है. यह योजना पहली ही स्क्रीनिंग में यह निर्धारित कर सकती है कि सक्रिय पदार्थ का लक्ष्य पर कैसा असर पड़ रहा है.

कई नई एंटीबायोटिक दवाओं की जांच एक साथ करने के लिए रसायन विदों ने एक रोबोट का इस्तेमाल शुरू किया है, जो एक समय पर कई समान आपरेशन कर सकता है. शोध में एक साथ दस हज़ार रासायनिक यौगिकों के परीक्षण की योजना है.

मॉस्को राजकीय विश्वविद्यालय के प्राकृतिक यौगिक रसायन विभाग के प्रोफ़ेसर और इस परियोजना के प्रमुख प्योतर सेर्गियेव ने बताया कि दुनिया में इस तरह के और भी सेंसर हैं, लेकिन वह उन नियामक प्रणालियों का उपयोग करते हैं, जो कुछ ज्ञात एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति संवेदनशील हैं.



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