जीसैट 16 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
भारत की नई कम्युनिकेशन सेटेलाइट जीसैट 16 का रविवार तड़के फ्रेंच गुयाना के कौरु से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया.
जीसैट 16 |
इसे एरियन 5 रॉकेट के जरिए कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया. हालांकि खराब मौसम के कारण दो बार प्रक्षेपण टाला जा चुका था.
कम्युनिकेशन सेवाओं में नेशनल स्पेस क्षमता को मजबूत बनाने के लिए डिजाइन किए गए जीसैट 16 को रविवार तड़के 2 बजकर 10 मिनट पर सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया.
जीसैट 16 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में लॉन्च किया गया. इस दोहरे उपग्रह मिशन में जीसैट 16 और डायरेक्ट 14 को प्रक्षेपित किया गया. जीसैट 16 को जियोस्टेशनरी कक्षा में 55 डिग्री पूर्वी देशांतर में स्थापित किया जाएगा. यह जीसैट 8 और IRNSS-1A और IRNSS-1B के साथ स्थित होगा.
जीसैट 16 का भार 3, 181 किलोग्राम है, इसमें कुल 48 संचार ट्रांसपोर्डर लगे हैं. इसरो द्वारा अब तक विकसित किसी उपग्रह द्वारा ले जाए गए ट्रांसपोर्डरों की यह सर्वाधिक संख्या है. यह सैटलाइट सरकारी एवं निजी टीवी और रेडियो सेवाओं, बड़े पैमाने पर इंटरनेट और टेलिफोन ऑपरेशन को मजबूत करेगा. यह उपग्रह इनसैट 3 ई का स्थान लेगा.
भारत के मौजूदा रॉकेट्स पीएसएलवी और जीएसएलवी में दो टन से ज्यादा के सैटलाइट्स की लॉन्चिंग की क्षमता नहीं है, इसलिए इसरो को जीसैट की लॉन्चिंग बाहर से करनी पड़ी. इसरो का अगला बड़ा मिशन जीएसएलवी मार्क-3 नामक रॉकेट की लॉन्चिंग की है जो अपने साथ चार से पांच हजार किलो तक का वजन ले जा सकता है. जीएसएलवी मार्क-3 को इस महीने की 20 से 25 तारीख के बीच लॉन्च किया जा सकता है.
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