अंतरिक्ष की सैर कराने वाले ओरियन कैप्सूल की परीक्षण उडा़न

Last Updated 04 Dec 2014 07:20:32 PM IST

अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह और अन्य अंतरिक्ष अभियानों पर भेजने के लिए अंतरिक्ष यान ओरियन स्पेस कैप्सूल को पहली परीक्षण उडा़न पर भेजा जाएगा.


ओरियन कैप्सूल की परीक्षण उडा़न

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार इस कैप्सूल को तीन प्रणोदकोंसे युक्त राकेट ( डेल्टा 4 ) के जरिए केप कैनेवरल स्थित एयर फोर्स स्टेशन से प्रक्षेपित किया जाएगा.

कैप्सूल का निर्माण लाकहीड मार्टिन और बोइंग कंपनी के संयुक्त उपक्रम यूनाइटेड लांच आलियांस की ओर से किया गया है. 
 
अमेरिकी अंतरिक्ष यानों के बेडे के सबसे बडे राकेट के उपरी हिस्से से जोडा गया यह कैप्सूल नासा की ओर से अंतरिक्ष में भेजा जा रहा पहला ऐसा यान है जिसे अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सभी तरह की सुविधाओं से लैस किया गया है.
 
करीब साढे चार घंटे की परीक्षण उडान के दौरान इस यान के उष्मारोधी कवच पैराशूट और अन्य प्रणालियों की जांच परख की जाएगी ताकि यह अपने साथ ले जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराके धरती पर सुरक्षित वापस ला सके.
 
कैप्सूल के अंदर 1200 से भी अधिक सेंसर  लगे हुए हैं जिनके जरिए सभी आंकडे़ नियंत्रणकक्ष को प्रेषित होते रहेंगे, राकेट ओरियन कैप्सूल को परीक्षण उडान के दौरान 5800 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में ले जाएगा, यह दूरी स्पेस स्टेशन की मौजूदा स्थिति से 15 गुना अधिक होगी.
 
अंतरिक्ष कैप्सूल का बनाया जाना अमेरिका की उस महती योजना का हिस्सा है जिसका लक्ष्य वर्ष 2025 तक धूमकेतुओं पर और वर्ष 2035 तक मंगल पर मानव युक्त अभियान भेजना है.
 
नासा के प्रशासनिक अधिकारी चार्ली बोल्डेन ने यान प्रक्षेपण की तैयारियों के बीच यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि
यान का सफल परीक्षण नासा के लिए एक बडी घटना होगी, करीब 40 वर्षो के अथक प्रयास के बाद अमेरिका एक ऐसा यान भेजने जा रहा है जो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की करीब की कक्षा से बहुत दूर अंतरिक्ष में ले जा सकेगा.
 
नासा का पहला मानव युक्त अभियान चंद्रमा पर वर्ष 1972 में भेजा गया अपोलो अभियान था.



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