इस बायोनिक आंख से 30 साल बाद देखी दुनिया

Last Updated 13 Oct 2014 09:05:02 PM IST

अमेरिका स्थित नार्थ कैरोलिना के लारी हेस्टर (66) ने बायोनिक आंख की बदौलत 30 साल बाद दुनिया देखी, विश्व में गिने चुने लोग ही बायोनिक आंख की बदौलत दुनिया देख पा रहे हैं.


लारी हेस्टर

बायोनिक आंख रोशनी के सिग्नलों को दिमाग तक भेजती है, नार्थ कैरोलिना के ड्यूक आई सेंटर में में लारी हेस्टर का इलाज हुआ था, उनकी आंखों की रोशनी लगातार कम होने के कारण खत्म हो गई थी. 

 
इसके चलते नेत्रहीन लारी हेस्टर बीते 30 वर्षो से कुछ भी नहीं देख पाए थे, अस्पताल में बायोनिक आंख सफलतापूर्वक लगाए जाने के बाद सबसे पहले उन्हें कमरे में आती हल्की सी रोशनी दिखाई दी. 
 
जैसे ही उन्होंने दिखने की पुष्टि की, अस्पताल के कमरे में उपस्थित उनकी पत्नी ने उन्हें बधाई दी. 
 
वह बायोनिक आंख की बदौलत वस्तुओं का आकार आदि सहजता से देख लेते हैं, वह दुनिया के गिने चुने लोगों में हैं जो बायोनिक आंख से देख पा रहे हैं. 
 
अमेरिका में मात्र सात लोग ही बायोनिक आंख से देख पा रहे हैं, बायोनिक आंख का इस्तेमाल करने वाले मरीजों को खास चश्मा पहनना पड़ता है, इस चश्मे में वीडियो कैमरा, बेहद छोटा सा कंप्यूटर, सेंसर आदि लगे होते हैं. 
 
बायोनिक आंख (चश्मे) पर लगा वीडियो कैमरा वस्तुओं को देखता है, फिर इसे कंप्यूटर के पास भेजता है, इसके बाद संदेश आंख में स्थापित सेंसर को संदेश भेजा जाता है. 
 
यह संदेश ‘नस’ को भेजा जाता है, जो दिमाग को दिखाई देने वाली वस्तुओं के बारे में संदेश भेजती है, इसके चलते मरीज को किसी भी वस्तु की आकृति सहजता से दिख जाती है.



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