समुद्र के ईकोसिस्टम की इंजीनियर हैं व्हेल मछलियां

Last Updated 05 Jul 2014 05:13:33 PM IST

व्हेल मछलियां महासागरों, वैश्विक कार्बन संग्रहण और व्यावसायिक मछली पालन पर एक बड़ा और सकारात्मक प्रभाव डालती हैं.


(फाइल फोटो)
वेरमोंट विश्वविद्यालय के संरक्षणविद जीवविज्ञानी जो रोमन ने कहा, ‘‘लंबे समय तक ऐसा माना जाता रहा कि व्हेल महासागरों पर कोई खास प्रभाव नहीं डालतीं.’’
 
रोमन और जीवविज्ञानियों के एक दल ने दुनियाभर में कई दशकों तक व्हेलों पर शोध किया. उन्होंने पाया कि असल में व्हेल बड़ा प्रभाव डालती हैं.
 
उन्होंने कहा कि वे महासागरों की क्रियाविधि, वैश्विक कार्बन संग्रहण और व्यावसायिक मत्स्य पालन पर व्यापक और सकारात्मक प्रभाव डालती हैं.
 
रोमन और उनके साथियों ने फ्रंटियर्स इन इकोलॉजी एंड द इनवायरमेंट नामक जर्नल में लिखा, ‘‘व्हेल मछलियों की संख्या में गिरावट कम से कम 66 प्रतिशत और अधिकतम 90 प्रतिशत की आंकी गई है. इस गिरावट ने संभवत: महासागरों की संरचना और क्रियाविधियों में बदलाव किया है. लेकिन इनकी पुन: प्राप्ति संभव है और कई मामलों में तो यह काम जारी भी है.’’
 
 
शोधकर्ताओं ने लिखा, ‘‘बड़ी व्हेल मछलियों की लगातार पुन: प्राप्ति जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को अस्थिरताकारी दबावों के प्रति प्रतिरोधक बनाने में मदद कर सकती है.’’ 
 
जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ रहे तापमान और अम्लीकरण के कारण समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र के सामने जो खतरे पैदा हो रहे हैं, उनमें व्हेल मछलियों की पुन: प्राप्त की गई यह भूमिका खास तौर पर महत्वपूर्ण हो सकती है.
 
रोमन ने कहा, ‘‘दीर्घजीवी प्रजातियां होने के कारण ये समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को पूर्व अनुमान योग्य बनाती हैं और इसकी स्थिरता को बढ़ाती हैं.’’



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment