भारतीय मूल के भौतिकविज्ञानी को महारानी एलिजाबेथ ने किया सम्मानित
भारतीय मूल के भौतिकविज्ञानी प्रोफेसर तेजिंदर विर्डी को विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने ‘नाइटहुड’ सम्मान से सम्मानित किया.
भारतीय मूल के भौतिकविज्ञानी प्रोफेसर तेजिंदर विर्डी (फाइल) |
प्रोफेसर तेजिंदर विर्डी को ‘लार्ज हैड्रोन कोलाइडर’ पर किए गए उनके कार्य के लिए जाना जाता है.
शुक्रवार शाम जारी महारानी के जन्मदिन सम्मान सूची के अनुसार विज्ञान के क्षेत्र में सेवा के लिए इंपीरियल कॉलेज, लंदन के विर्डी का नाम ‘नाइट बैचलर’ पुरस्कार के लिए नामित है.
उनके बारे में प्रशस्ति पत्र में लिखा था कि प्रोफेसर विर्डी ब्रिटेन के सबसे प्रतिष्ठित भौतिक विज्ञानियों में से एक हैं. उनका कॉम्पैक्ट म्यूऑन सोलेन्वायड (सीएमएस) प्रयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है.
सीएमएस प्रयोग के तहत जेनेवा में हुए लार्ज हैड्रोन कोलाइडर में आण्विक भौतिकी के क्षेत्र में अच्छे परिणाम देखने को मिले थे. इनमें हिग्स बोसोन अथवा गॉड पार्टिकल की अभूतपूर्व खोज शामिल थी. हिग्स बोसॉन या गॉड पार्टिकल किसी भी अणु में भार पैदा करता है.
प्रशस्ति पत्र के मुताबिक कि भौतिकविज्ञान में अपने अभिनव कार्य के अलावा वह विज्ञान के महान प्रचारक और विज्ञान को बढ़ावा देने वाले रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने एशिया और अफ्रीका में शिक्षा को भी बढ़ावा दिया.
प्रोफेसर विर्डी के अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री और संयुक्त राष्ट्र में विशेष दूत एंजेलिना जोली का नाम भी ऑनररी डेम (नाइटहुड सम्मान की तरह स्त्रियों को दिया जाने वाला सम्मान) की सूची में शामिल था. युद्ध क्षेत्रों में यौन हिंसा के खिलाफ किए गए उनके कार्य के लिए यह सम्मान उन्हें ब्रिटेन की महारानी द्वितीय द्वारा प्रदान किया गया.
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