शनि ग्रह के उपग्रह पर जीवन की संभावना
शनि ग्रह के एक छोटे उपग्रह एनसेलाडस की सतह पर पानी की मौजूदगी की उम्मीद है. इस उपग्रह पर जीवन की उत्पत्ति की संभावना बढ गयी है.
शनि ग्रह (फाइल फोटो) |
केप केनावरल में वैज्ञानिकों को पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावना तलाश ने के अभियान में शनि ग्रह के एक छोटे उपग्रह एनसेलाडस की सतह पर पानी की मौजूदगी की उम्मीद है जिससे इस उपग्रह पर जीवन की उत्पत्ति की संभावना बढ गयी है.
एक हालिया अध्ययन के मुताबिक बाह्य सौर प्रणाली में 1.3 अरब किलोमीटर दूर स्थित एनसेलाडस पर बर्फीली ठंड होती है और वहां तरल जल के पाये जाने की संभावनाएं काफी क्षीण थी लेकिन नासा के उपग्रह द्वारा भेजे गये गुरूत्वार्षण आकलन के मुताबिक एनसेलाडस के दक्षिणी गोलार्द्ध की सतह के नीचे समुद्र है.
अध्ययन के मुताबिक यह समुद्र उत्तरी अमेरिका की सबसे बडी झीलों में से एक लेक सुपीरियर से बडा हो सकता है. कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलाजी से जुडे वैज्ञानिक डेविड स्टीवेंसन ने बताया कि कंप्यूटर माडलों के मुताबिक यह समुद्र उपग्रह के पथरीले कोर और बर्फ से ढकी सतह के बीच सैंडविच की तरह मौजूद है.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शनि और एनसेलाडस के पडोसी उपग्रहों के गुरूत्वार्षण बल के कारण उत्पन्न ज्वारीय गर्मी से यहां समुद्र का निर्माण हुआ होगा. वहां पत्थरों के इतने नजदीक जल पाये जाने से उसमें खनिज लवण घुल जाते हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि ये परिस्थितियां जीवन की उत्पत्ति के लिये काफी अनुकूल हैं.
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि एनसेलाडस की आंतरिक संरचना भी कुछ इस तरह की है कि वहां जीवन उत्पन्न होने की पूरी संभावना है. इस उपग्रह का दायरा महज 500 किलोमीटर का है और यह पृथ्वी के बाद जल पाये जाने वाले कुछ चुनींदा ग्रहों,उपग्रहों में शुमार हो सकता. हालांकि पृथ्वी के अलावा केवल बृहस्पति के उपग्रह यूरोपा और अब एनेसेलाडस में ही जल के पत्थरों के संपर्क में रहने के प्रमाण मिले हैं.
वैज्ञानिक दोनों ही उपग्रहों पर जीवन की संभावना तलाशने में जुटे हुये हैं. कोरनेल यूनीवर्सिटी से जुडे वैज्ञानिक जोनाथन ल्यूनिन ने बताया कि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि दोनों उपग्रहों में जीवन की उत्पत्ति के लिये कौन ज्यादा अनुकूल है.
उन्होंने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि दोनों जगह जीवन उत्पन्न होने की समान रूप से संभावना हो अथवा दोनों में कहीं न हो. हां, इस खोज ने हमें इस क्षेत्र में अपने अनुसंधानों का दायरा बढ़ाने की प्रेरणा जरूर दी है.
Tweet |