देवभूमि को कलंकित करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकें: मोदी

Last Updated 10 Feb 2017 06:01:50 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के लिये अगले पांच सालों की अवधि को किसी 16 वर्षीय किशोर के विकास के लिये जरूरी समय जितना महत्वपूर्ण बताया.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तराखंड रैली (फाइल फोटो)

उन्होंने शुक्रवार को हरिद्वार में जनता से देवभूमि के नाम को कलंकित करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने और उसकी जगह राज्य के अटलजी के स्वप्न को साकार करने वाली सरकार लाने को कहा.

हरिद्वार के रिषिकुल मैदान में आयोजित भाजपा की 'विजय संकल्प रैली' में मोदी ने कहा, 'हर किसी के जीवन में 16वां वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अगले पांच साल भविष्य की बातों को निर्धारित करते हैं और अपने अस्तित्व के 16वें वर्ष में उत्तराखंड के साथ भी यही बात है. अगले पांच साल वह दिशा निर्धारित करेंगे जिसमें इसे जाना है.'

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को अदालतों में सिद्ध किये जाने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह ऐसी चीज है जिसे पूरे देश ने टेलीविजन पर देखा है.
    
प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक ऐसा समय था जब देवभूमि के जिक्र से पवित्र भावनाएं आती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब इस शब्द के जिक्र से दिमाग में एक दागदार सरकार की छवि आती है. पूरे देश में इसे टीवी पर देखा, क्या आप ऐसी सरकार को सत्ता से बाहर नहीं करेंगे जिसने देवस्थली की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचायी.'
    
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उत्तराखंड के लिये देखे गये स्वप्न को साकार करने की जिम्मेदारी खुद पर लेने की बात कहते हुए मोदी ने जनता से भाजपा की सरकार लाने को कहा जो उत्तराखंड के गौरव को बहाल करे.

मोदी ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के लिये वाजपेयी के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया है, क्योकि केंद्र में उनके बाद आयी सरकार ने इस प्रक्रिया को पटरी से ही उतार दिया.



चारधाम तीर्थयात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिये अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उसने 12000 करोड़ रूपये की लागत वाली आल वेदर रोड परियोजना का शिलान्यास किया जिससे हिमालयी धामों के दर्शन को आने वाला हर व्यक्ति अपने भ्रमण का आनंद ले और सुरक्षित घर लौटे.
    
मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम लिये बिना उन पर करारा प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र में मंत्री होने तथा हर मां के बेटे के सैन्य बलों में जाने वाले राज्य का निवासी होने के बावजूद उन्होंने दशकों से लटके पड़े वन रैंक वन पेंशन को तेजी से लागू करने के लिये कुछ नहीं किया.

संप्रग सरकार के 500 करोड़ रूपये के ओआरओपी लागू करने के फार्मूले को पूर्व फौजियों को गुमराह करने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 12000 करोड़ रूपये का यथार्थवादी अनुमान लगाया और उसमें से 6000 करोड़ रूपये का भुगतान भी कर दिया. उन्होंने कहा, 'वादे ऐसे किये जाते हैं और निभाये जाते हैं.'

भाषा


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