भाजपा की सूची 'दल-बदलुओं और परिवारवाद से भरी' : रावत

Last Updated 17 Jan 2017 10:09:41 PM IST

उत्तराखंड में 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये भाजपा द्वारा जारी की गयी पहली सूची को 'दल-बदलुओं और भाजपा द्वारा ही पूर्व में भ्रष्टाचार के लिये आरोपित किये गये नेताओं एवं परिवारवाद से भरी हुई' बताते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज कहा कि इसमें प्रदेश के लिये कुछ भी नहीं है.


मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो)

देहरादून में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ पार्टी मुख्यालय पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रावत ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक रूप से चुनावों में परिवारवाद से दूर रहने की सलाह को उनकी अपनी ही पार्टी द्वारा न माने जाने पर भी अचरज जताया.

रावत ने कहा, \'प्रधानमंत्री परिवारवाद से दूर रहने की हिदायत दे रहे हैं और वहीं उनकी पार्टी की पहली सूची परिवारमय नजर आ रही है.\'

भाजपा द्वारा कल शाम जारी 64 प्रत्याशियों की पहली सूची में यमकेर से वर्तमान विधायक विजय बड़थ्वाल का टिकट काटकर पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की पुत्री रितु खंडूरी \'भूषण\' को उम्मीदवार घोषित किया गया है.

इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ को भाजपा ने सितारगंज से प्रत्याशी बनाया है जबकि कल ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव को क्रमश: बाजपुर और नैनीताल से टिकट दिया गया है. रामनगर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली अमृता रावत के पति सतपाल महाराज को चौगट्टाखाल से टिकट दिया गया है.

मुख्यमंत्री रावत ने आर्य का जिक्र किये बिना भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि जो पार्टी बिना अतीत जाने तथा जांच परख के किसी को अपनी पार्टी में सम्मिलित न करने का दावा करती थी, उसने केवल चार घंटों के अंदर किसी को शामिल कर उसे दो-दो टिकटों से नवाज दिया.

उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन नेताओं के खिलाफ खुद उसने आपदा घोटाला, बीज घोटाला, भूमि घोटाला, पालीहाऊस घोटाला, दाबका और कोसी नदी में खनन घोटाला और नोटबंदी के बाद सहकारी बैंकों में अप्रत्याशित रूप से नोट जमा होने जैसे घोटालों के आरोप लगाये और 12 दिन विधानसभा भी ठप की, वे सभी नेता अब भाजपा के सूत्रधार, प्रणोता और संचालक बन गये हैं.     



रावत ने कहा, \'भाजपा की पूरी सूची दल-बदलुओं और भाजपा द्वारा पूर्व में भ्रष्टाचार के लिये आरोपित नेताओं और परिवारिक सदस्यों से भरी हुई है. इस सूची में उत्तराखंड के लिये कुछ भी नहीं है.\'

भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सभी नेताओं को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया है. एक सवाल के जवाब में रावत से इस बात से इंकार किया कि ये सभी नेता उनकी \'एकला चलो\' नीति से नाराज होकर पार्टी छोड़कर गये हैं और आरोप लगाया कि भाजपा ने यह दलबदल \'पैसे के बल, सत्ता की हनक और केंद्रीय जांच एजेंसियों के डर\' पर कराया है. 

उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने ढ़ाई साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा मंत्रिमंडल की बैठकें की और राज्यहित की नीतियों और कानूनों को बनाया. उन्होंने सवाल उठाया कि कि क्या मंत्रिमंडल के फैसले सामूहिक नहीं होते.

मुख्यमंत्री ने पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं को धो़खेबाज भी बताया और कहा कि जिन लोगों को पार्टी ने इतना कुछ दिया, उसे छोड़कर जाना उसे धोखा देना ही है. इस संबंध में उन्होंने कहा, \'इतिहास बहादुरों को याद करता है भगोड़ों को नहीं.\'

हालांकि, उन्होंने दावा किया कि इन नेताओं के जाने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा और राज्य की जनता एक साफ-सुथरी राजनीति और \'उत्तराखंडियत\' को ही तरजीह देगी.

रावत ने कहा कि उन्होंने सभी विभागों में कुल मिलाकर 1000 से ज्यादा छोटी-बड़ी ऐसी पहलें या शुरूआतें की हैं जो \'उत्तराखंडियत\' की पहचान हैं.

पिछले एक साल में हुए राजनीतिक घटनाक्र मों को एक अवसर की तरह लेने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने जनता से कहा, \'उत्तराखंडियत के एजेंडे को आगे बढ़ाने, राज्य आंदोलन के सपने को साकार करने और एक मजबूत और स्थिर सरकार देने के लिये कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत दें.\'

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा छोड़कर आने वाले नेताओं का पार्टी अपने यहां स्वागत करेगी, तो रावत ने कहा कि राजनीति में सभी संभावनायें मौजूद हैं और मेरिट के आधार पर ही कोई फैसला लिया जायेगा.

प्रदेश अध्यक्ष उपाध्याय ने कहा कि पार्टी ने संकल्प लिया है कि प्रदेश में भाजपा ने जो वातावरण बनाया है उसे समाप्त करने के लिये सभी कार्यकर्ता पार्टी के घोषित उम्मीदवारों के लिये काम करेंगे.

भाषा


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