केदारनाथ ट्रैक पर मिले नरकंकालों की जांच के लिए टीमें मौके पर
उत्तराखंड के केदारनाथ-त्रिजुगीनारायण में पैदल ट्रैक पर नरकंकाल बिखरे पड़े होने की खबरों के बीच पुलिस और राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की दो अलग-अलग टीमें रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर तथ्यों की जांच में जुट गयी हैं.
(फाइल फोटो) |
रूद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर गयी इन दोनों टीमों में विशेषज्ञ एसडीआरएफ के अलावा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.
इन टीमों की अगुवाई राज्य पुलिस महानिरीक्षक, गढवाल, संजय गुंज्याल कर रहे हैं जबकि पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा भी इसमें शामिल हैं.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन दोनों टीमों के सोमवार तक लौटने की उम्मीद है.
दोनों टीमों को नरकंकालों का डीएनए लेने के बाद वहीं उनका विधिवत दाह संस्कार करने के निर्देश भी दिये गये हैं.
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आयी प्रलयकारी प्राकृतिक आपदा को तीन वर्ष से ज्यादा गुजर जाने के बाद केदारघाटी में घने जंगलों के बीच सुनसान इलाके में कुछ नर कंकाल बिखरे पड़े होने की सूचना मिलने से हडकंप मच गया था जिसके बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुंज्याल को इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
हालांकि, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि ये नरकंकाल कितने हैं और किन लोगों के हैं लेकिन आशंका है कि ये आपदा में प्राण गंवाने वाले श्रद्वालुओं के हो सकते हैं.
त्रिजुगीनारायण-केदारनाथ पैदल ट्रैक पिछले साल दिसंबर में ही तैयार हुआ था और उसपर ट्रैक करने वाले लोगों ने ही हाल में इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी.
इस बीच, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि यह बड़ा गंभीर विषय है कि आपदा को तीन साल से ज्यादा गुजर जाने के बावजूद राज्य सरकार नरकंकालों को खोज पाने में विफल रही है.
उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में इस मुददे को जोर-शोर से उठाया जायेगा और उनकी नाकामी को जनता के सामने उजागर किया जायेगा.
भट्ट ने कहा, ‘एक तरफ मुख्यमंत्री केदारनाथ में जाकर कैलाश खेर के साथ जाकर संगीत उत्सव मना रहे हैं वहीं दूसरी ओर केदारनाथ के निकट नरकंकाल बिखरे पड़े हैं.
यह मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता का परिचायक है जिसे हम चुनावों में जनता के सामने बेनकाब करेंगे.
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