उत्तराखंड में सड़क पर तड़पती रही गर्भवती महिला, शिशु ने दम तोड़ा
उत्तराखंड के देहरादून में एक गर्भवती महिला तीन घंटे तक सड़क पर तड़पती रही.
(फाइल फोटो) |
आपातकालीन सेवा को फोन करने के बाद ना ही की एंबुलेंस 108 पहुंची और ना ही आशा कार्यकत्री. हालात को देख गर्भवती महिला के परिजन उसको चारपाई में उठाकर सड़क तक लाए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
गर्भवती के पेट में पल रहे शिशु ने जन्म के समय ही दम तोड़ दिया. महिला भी गंभीर स्थिति में है उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
महिला के परिजनों ने आपातकालीन सेवा 108 व डोईवाला स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए यह मामला डोईवाला के नजदीक लक्ष्मण सिद्ध मंदिर से कुछ दूर गुज्जर बस्ती का है.
मिली जानकारी के मुताबिक गुज्जर बस्ती निवासी 30 वर्षीय गर्भवती महिला मेख बीबी को बुधवार दोपहर में प्रसव पीड़ा के चलते डोईवाला स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया.
वहां डॉक्टर ने महिला को आठ दिन का समय देकर वापस घर भेज दिया. इसके बाद बुधवार रात ढाई बजे महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई.
परिजनों ने तीन बजे के आसपास आपातकालीन सेवा 108 को फोन किया. आशा कार्यकत्री को भी फोन करके बुलाया गया लेकिन एक घंटे बाद भी आशा कार्य कार्यकत्री नहीं आयी.
वहीं 108 को दोबारा फोन किया गया लेकिन कर्मचारी टाल-मटोल करते रहे. मेख बीबी की सास जमीला के मुताबिक जब मेख को प्रसव पीड़ा अधिक होने लगी तो उसका पति और ससुर चारपाई पर उठाकर उसे सड़क तक ले आए. तब तक भी 108 एंबुलेंस नहीं आयी.
उन्होंने गर्भवती महिला को चारपाई पर ही लेटाकर ही अस्पताल तक ले जाने की कोशिश की लेकिन इससे पहले कि परिजन गर्भवती महिला को अस्पताल तक ले जाते, महिला को अधिक रक्तस्रव होने लगा और उसने सड़क पर ही शिशु को जन्म दे दिया.
इस दौरान शिशु की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि अगर समय रहते डाक्टर व 108 एंबुलेंस मिल जाती तो शिशु की जान बच जाती.
महिला भी अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती है. तीन घंटे बाद पहुंची 108 एंबुलेंस महिला की सास जमीला ने बताया कि 108 को उन्होंने रात के तीन बजे फोन किया था लेकिन चार बार फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आयी.
एंबुलेंस सुबह छह बजे मंदिर के पास पहुंची तब तक महिला का प्रस्रव हो चुका था और जन्मा हुआ शिशु दम तोड़ चुका था.
मामला संज्ञान में आते ही स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में आपातकालीन एंबुलेंस कुछ कम हैं. जल्द ही नई एंबुलेंस खरीदी जा रही हैं. यदि फोन करने के बाद भी राजधानी में मरीज को एंबुलेंस नहीं मिलती है तो यह गंभीर मामला है.
जांच के बाद जो भी सत्यता सामने आयेगी उस हिसाब से कार्रवाई की जायेगी.
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