उत्तराखंड में नए जिलों का गठन एजेंडे में नहीं, नई सरकार करे तय : हरीश
नए जिलों के गठन को लेकर मुख्यमंत्री हरीश रावत की दो टूक ना के बाद एक बार फिर प्रदेश की सियासत गरमा गई है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत |
इस फैसले से मुख्यमंत्री विपक्षी दल भाजपा के साथ कांग्रेस संगठन के निशाने पर आ गए हैं. भाजपा ने जहां पुनर्गठन समिति की संस्तुति पर कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत तथा डीडीहाट को तत्काल जिला बनाए जाने की मांग की है वहीं कांग्रेस संगठन ने इसके साथ जनता की मांग पर अन्य जिलों के गठन की भी पैरवी कर दी है.
नए जिलों के गठन को लेकर जहां प्रदेश सरकार पलट गई है वहीं कांग्रेस संगठन और भारतीय जनता पार्टी एक सुर में बोलने लगे हैं. बता दें कि उत्तराखंड में नये जनपदों के गठन व पुनर्गठन के लिए गढ़वाल मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति ने उत्तराखंड मे कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत तथा डीडीहाट चार जिलों के गठन की सिफारिश की है.
अब मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नए जिलों के गठन को लेकर ना कर दिया है. हरीश रावत का कहना है कि नए जिलों का गठन फिलहाल उनकी सरकार के एजेंडे में नहीं है. उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद आने वाली सरकार ही नए जिलों के बाबत फैसला लेगी.
बता दें कि नए जिलों के गठन की सिफारिश की खबर राष्ट्रीय सहारा ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी. बहरहाल, मुख्यमंत्री के बयान के बाद नए जिलों के गठन को लेकर सियासत तेज हो गई है प्रदेश सरकार फिर से कांग्रेस संगठन और भाजपा दोनों के निशाने पर आ गई है. राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद भले ही सरकार व संगठन एक दूसरे पर खुलकर हमले करने से बाज आ रहे हों लेकिन नए जिलों के गठन पर प्रदेश सरकार और कांग्रेस संगठन एक बार फिर आमने सामने हो गए हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोरउपाध्याय का कहना है कि प्रदेश सरकार को नए जिलों के गठन पर विचार करना चाहिए. नए जिलों का गठन पार्टी के एजेंडे में था. बता दें कि किशोर उपाध्याय गढ़वाल कमिश्नर की नये जिलों के गठन की सिफारिश के बाबत पहले ही कह चुके हैं कि सरकार को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से नए जिलों की लगातार उठ रही मांगों पर भी विचार करना चाहिए जिसमें जनता की सुविधा एवं संसाधनों व संभावनाओं पर विचार कर यथोचित निर्णय लिया जाना चाहिए.
उधर मुख्यमंत्री के नए जिलों का गठन नहीं करने के बयान बाद विपक्षी भाजपा के तेवर भी तीखे हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि जब नये जनपदों के गठन व पुनर्गठन के लिए गठित समिति ने चार जिलों पर मुहर लगा दी है तो प्रदेश सरकार को भाजपा सरकार द्वारा कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत तथा डीडीहाट जिलों के गठन के आदेश के पुनर्जीवित करना चाहिए. उनका कहना है कि वह इस बाबत प्रदेश सरकार को सैकड़ों पत्र व अनुस्मारक भेज चुके हैं.
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