उत्तराखंड विधानसभा में भाजपा का हंगामा
विनियोग विधेयक पारित कराने को लेकर बुलाये गये उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक नवप्रभात को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाये जाने को लेकर मुख्य विपक्षी भाजपा ने जमकर हंगामा किया.
(फाइल फोटो) |
गुरुवार सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने घोषणा की कि उनके और उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है, इसलिये उसका निपटारा होने तक वह पीठ पर नहीं बैठेंगे और उनकी जगह वरिष्ठ कांग्रेस विधायक नवप्रभात सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे.
नवप्रभात के अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठते ही भाजपा सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन की कार्य संचालन नियमावली के अनुच्छेद 180 (2) और 181 (1) का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में राज्यपाल या फिर सदन को ही पीठासीन अधिकारी का नाम तय करने का अधिकार है.
हंगामे के दौरान भाजपा सदस्य अध्यक्ष के सामने आ गये और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस दौरान कुछ विधायक विधानसभा सचिव की मेज पर भी चढ़ गये और उन्होंने सदन की गरुवार के लिये प्रस्तावित कार्यसूची के पन्ने भी फाड़कर अध्यक्ष की ओर उछाले.
विपक्ष के नेता अजय भट्ट ने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र की हत्या और संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम कर रही है और सदन को विश्वास में लिये बिना ही उसने खुद अपनी मर्जी से एक विधायक को पीठ पर बैठा दिया.
उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैये को कतई स्वीकार नहीं किया जायेगा. इस दौरान, पीठासीन अधिकारी के सभी सदस्यों से अपनी सीट पर बैठने के बार-बार किये गये अनुरोध को भी विपक्ष ने नकार दिया और कहा कि उन्हें पीठ से कुछ कहने का अधिकार ही नहीं है और उन्हें वापस चले जाना चाहिये.
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में सदन के अधिष्ठाता मंडल में शामिल वरिष्ठतम विधायक नवप्रभात को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है जो पूरी तरह संविधान सम्मत है.
हालांकि, विपक्षी सदस्य मुख्यमंत्री की इस दलील से सहमत नहीं हुए और उन्होंने हंगामा जारी रखा. एक घंटे से भी अधिक समय तक चली शोरगुल की स्थिति के बाद पीठासीन अधिकारी नवप्रभात ने सदन की कार्यवाही एक बजे तक के लिये स्थगित कर दी.
गौरतलब है कि गत 18 मार्च को विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की मांग को ठुकराने से नाराज मुख्य विपक्षी भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल और उपाध्यक्ष मैखुरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था.
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